फतेहपुर सीकरी स्मारक में यह बोर्ड नजर नहीं आते हैं।
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आगरा के फतेहपुर सीकरी स्मारक में फ्रांस के पर्यटक की मौत के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे है। फतेहपुर सीकरी स्मारक देखने प्रतिदिन हजारों देशी व विदेशी पर्यटक आते हैं। स्मारक के अंदर कई स्थान जर्जर हो चुके है और कमजोर है। उसके बाद भी चेतावनी बोर्ड नहीं लगाए गए हैं।
स्मारकों पर पर्यटकों की सुविधा के बोर्ड लगाए जाते है। यह बोर्ड पर्यटकों को स्मारक देखने में मदद करते है। कई स्थानों पर पर्यटकों के जाने पर प्रतिबंध लगा होता है, वहां पर भी बोर्ड लगाया जाता है। फतेहपुर सीकरी स्मारक में यह बोर्ड नजर नहीं आते है। तुर्की सुल्ताना बरामदे की रेलिंग कमजोर होने के कारण फ्रांस की पर्यटक के साथ हादसा हुआ। चेतावनी बोर्ड होता हो पर्यटक वहां नहीं जाती।
स्मारक में और भी कमजोर स्थान है, जहां पर भी चेतावनी बोर्ड नहीं लगे है। वैसे विभाग की तरफ से कई जर्जर भवनों को बंद किया हुआ है और उस तरफ पर्यटक नहीं जाते है। स्मारक की बाउंड्रीवाल कई स्थानों टूटी होना बताया जाता है और वहां पर पर्यटक घूमने चले जाते हैं। जबकि यहां पर भी चेतावनी बोर्ड लगे होने चाहिए।
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बुर्जियों से झड़ते पत्थर, छतों में दरारें
फतेहपुर सीकरी। फतेहपुर सीकरी स्मारक की इमारतें संरक्षण में लापरवाही के कारण हादसों का सबब बनने लगी हैं। बुलंद दरवाजे के पोर्च से पत्थर टूटकर गिरते हैं तो कभी जामा मस्जिद के गुंबद से पत्थर झड़ रहे हैं। बादशाही गेट की बुर्जी एक साल से टूटी पड़ी हुई है। यहां तक कि शेख सलीम शाह चिश्ती की दरगाह में बनाई गईं प्राचीन पेटिंग्स भी वक्त के साथ अपना नूर खो रही हैं। सीकरी स्मारक की शाही जामा मस्जिद के गुंबद से कई बार पत्थर गिर चुके हैं। इसके बुर्ज से पिनेकल भी टूटकर गिर चुका है। तीन माह पहले भी गुंबद से भारी पत्थर गिरा था। संवाद