कैंट क्रांसिंग फाटक बंद होने से लगा जाम।
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रेलवे कैंट स्टेशन पर द्वितीय प्रवेश द्वार बनाने के लिए रास्ता साफ हो गया है। नौ साल बाद बात बन ही गई और रक्षा मंत्रालय ने रेलवे प्रशासन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके मुताबिक सेना (जीआरडी) करीब आठ हजार वर्ग मीटर जमीन रेलवे को देगी। बदले में उसे रेल प्रशासन उतनी ही जमीन जीआरडी के पास देगा। सहमति मिलने के बाद अब भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यानी, जल्द स्टेशन के दक्षिण तरफ प्रवेश द्वार बनेगा। इससे क्रॉसिंग पर फंसे बिना लोग सीधे एम्स के गेट तक पहुंच जाएंगे। घंटों का सफर मिनटों में पूरा होगा।
कैंट स्टेशन के दक्षिण की तरफ जीआरडी की जमीन है। रेलवे प्रशासन ने वर्ष 2014 में रेल मंत्रालय के माध्यम से सेना से दक्षिण की तरफ 20 मीटर चौड़ी और 40 मीटर लंबी कुल आठ हजार वर्गमीटर भूमि मांगी थी। कई बार रेल प्रशासन ने रक्षा मंत्रालय को इस संबंध में पत्र भी लिखा।
इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सदर सांसद रवि किशन ने भी पहल की। अब जाकर रक्षा मंत्रालय ने स्वीकृति दी है। पिछले दिनों जीआरडी और रेलवे अधिकारियों के बीच बैठक भी हो चुकी है। इसमें सहमति बन चुकी है। अब उसे धरातल पर लाने की तैयारी है।
20 मीटर चौड़ाई में रेलवे क्राॅसिंग के पहले से ही रास्ता बनाया जाएगा। यात्री प्लेटफॉर्म चार व पांच के पास बने फुट ओवरब्रिज के पास सीधे पहुंच जाएंगे। वहां से स्टेशन पर आएंगे।