सिद्धार्थनगर मेडिकल कॉलेज का हाल
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माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज के पीआईसीयू वार्ड के बाहर रविवार रात उस वक्त तीमारदार सकते में आ गए जब एसएनसीयू वार्ड से बुलावा आने लगा कि उठो-उठो बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट करना है। बाद में पता चला कि बारिश से छत टपक रही है। उससे बच्चों के भीगने के साथ ही शार्ट-सर्किट से आग लगने की आशंका है।
इसके बाद गंभीर रूप से बीमार आठ बच्चों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया। जिन बच्चों की स्थिति ठीक थी, उनमें सात बगल के पीआईसीयू वार्ड में शिफ्ट किए गए। वहीं पांच बच्चों की स्थिति अच्छी थी, इसलिए उन्हें एमसीएच विंग में भर्ती उनकी मां के पास भेज दिया गया। प्राचार्य ने छत की मरम्मत होने तक वार्ड को अस्थाई रूप से बंद करने का आदेश दिया है।
माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में जन्म के समय बाद न रोने वाले, पीलिया सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित बच्चों के लिए 20 बेड का एसएनसीयू वार्ड बनाया गया है। उसमें सीएचसी, पीएचसी, महिला अस्पताल और अन्य अस्पतालों से आने वाले गंभीर बच्चों को भर्ती किया जाता है। यहां बालरोग विशेषज्ञ की निगरानी में नवजात बच्चों को रखा जाता है। उनके ठीक होने के बाद परिवार को बच्चों को सौंप दिया जाता है।
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भवन पुराना होने से हर साल तेज बारिश होने के पर वार्ड की छत कई दिनों तक टपकती रहती है। इससे भर्ती होने वाले बच्चोंं के साथ ही चिकित्सकों को दिक्कत होती है। साथ ही शार्ट-सर्किट से आग लगने का भी खतरा बना रहता है। कई बार धुआं भी उठ चुका था। हालांकि नुकसान नहीं हुआ था। एक सप्ताह से वार्ड की छत की मरम्मत चल रही थी।