बेसिक शिक्षकों का ट्रांसफर: महिला शिक्षिकाओं का टूटा धैर्य, सीएम आवास किया कूच, पुलिस ने रोका रास्ता

बेसिक शिक्षकों का ट्रांसफर: महिला शिक्षिकाओं का टूटा धैर्य, सीएम आवास किया कूच, पुलिस ने रोका रास्ता



69 हज़ार शिक्षक भर्ती का मामला, अभ्यर्थियों ने घेरा निदेशालय
– फोटो : अमर उजाला

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बेसिक शिक्षा विभाग में हाल ही में एक से दूसरे जिले में हुए तबादले के बाद कार्य मुक्ति के लिए धरना दे रही महिला शिक्षिकाओं का धैर्य मंगलवार को जवाब दे गया। महिला शिक्षिकाएं राज्य शैक्षिक तकनीकी परिषद (एससीआरटी) से मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच कर गईं। हालांकि सूचना मिलने पर पुलिस ने उन्हें लोहिया पथ पर रोक लिया और बस से ईको गार्डेन पहुंचा दिया।

बेसिक स्कूलों में हाल में हुए तबादले में लगभग 4500 महिला शिक्षिकाएं ऐसी हैं, जो 69000 शिक्षक भर्ती की हैं। 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षण का मामला न्यायालय में होने के कारण विभाग ने इस भर्ती के शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी है। इससे नाराज महिला शिक्षिकाएं सोमवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय पर देर शाम तक धरने पर बैठी रहीं।

वहीं मंगलवार सुबह वह एससीआरटी पहुंच गईं और फिर धरना शुरू कर दिया। उन्हें यह उम्मीद थी कि बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल यहां मिलेंगे और उनकी इस मुद्दे पर वार्ता होगी। किंतु दोपहर तक सचिव यहां नहीं पहुंचे। छोटे-छोटे बच्चे लेकर धरने में शामिल महिला शिक्षिकाएं नाराज होकर सीएम आवास की ओर कूच करने निकल गईं। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगी। हालांकि पुलिस ने उन्हें लोहिया पथ पर रोक लिया।

 69 हज़ार शिक्षक भर्ती का मामला, अभ्यर्थियों ने घेरा निदेशालय

प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के लिए हुई 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर विवाद समाप्त होता नहीं दिख रहा है। परीक्षा में विवादित प्रश्नों के मामले में शैक्षिक परिभाषा से जुड़े सवाल के चारों विकल्प को गलत मानते हुए 2249 अभ्यर्थियों को एक अंक का लाभ देने का निर्देश पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में भी दिया गया। हालांकि अभी तक अभ्यर्थी इसके लिए भटक रहे हैं।

इसी से जुड़े अभ्यर्थियों ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय को बाहर डेरा डाल दिया। उन्होंने कहा कि उनके मामले में मेरिट के अनुसार चयन का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 25 अगस्त 2021 को दिया था। सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गई, जिसे 09 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। इस आदेश को आए दस माह बीतने पर भी नियुक्ति से वंचित सैकड़ों अभ्यर्थी प्रयागराज और लखनऊ के चक्कर काट रहे हैं।

प्रदेश भर से आए अभ्यर्थियों ने बताया कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से 2249 अभ्यर्थियों को एक नंबर का लाभ देने के लिए सूची सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को भेजी गई है। इसके बाद भी सचिव के स्तर से कार्यवाही नहीं हो रही है। हमारी मांग है कि हमारे परिणाम में एक नंबर जोड़कर रिजल्ट जारी किया जाए। साथ ही जिला आवंटन फार्म भरवाया जाए।

देर शाम पुलिस ने मध्यस्तता करते हुए अभ्यर्थियों की सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल से वार्ता कराई। हालांकि कोई निष्कर्ष नहीं निकला। अभ्यर्थियों ने धरना जारी रखने की बात कही। इसके बाद पुलिस उन्हें इको गार्डेन ले गई। धरने में दुर्गेश शुक्ला, रोहित शुक्ला, राम मिश्रा, प्रसून दीक्षित ने शासन पर जान बूझकर मामले को लंबित रखने का आरोप लगाया।

 



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