Manipur Police
– फोटो : Social Media
विस्तार
मणिपुर में छह जुलाई से लापता दो छात्रों की हत्या के मामले में विवाद बढ़ता जा रहा है। इस बीच मणिपुर की रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) पर छात्रों की हत्या को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर जातिगत टिप्पणी करने का आरोप लगा है। इसे लेकर मणिपुर पुलिस ने मंगलवार को सफाई जारी की। पुलिस ने यह स्पष्टीकरफ एक वीडियो के वायरल होने के बाद दिया, जिसमें एक आरएएफ के जवान को यह कहते हुए सुना गया कि वह हमारी जाति का नहीं है, कुछ भी करो। यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ, जिसपर लोगों ने इसकी खूब निंदा की।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंगलवार की रात पुलिस ने कहा, ‘व्हाट्सएप, एक्स पर एक वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है, जिसमें आरएएफ के एक जवान को हिंसक भीड़ से निपटने के लिए जातिगत टिप्पणियां करते देखा जा सकता है। हालांकि, वीडियो में जो आवाज है, वह आरएएफ के जवान की नहीं है। ऐसा लग रहा है कि किसी ने जानबूझकर अपनी आवाज को वीडियो में लगाया हो। यह वीडियो आरएएफ जवान के छवि को घूमिल करने और उनकी हिम्मत को तोड़ने के लिए किया गया है।’
पुलिस ने आगे बताया कि इंफाल के विभिन्न इलाकों में कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए आरएएफ जवानों की तैनाती की गई है। आरएएफ के जवान लगन से देश की सेवा करते हैं और मणिपुर में शांति बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
मंगलवार को इंफाल घाटी में प्रदर्शनकरियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 45 छात्र घायल हो गए। उन छात्रों में ज्यादातर लड़कियां शामिल थी। इस दौरान जुलाई में अगवा किए गए दो छात्रों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था। मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने एक बार फिर पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेना बंद कर दिया है और स्कूलों को शुक्रवार तक बंद रखने के निर्देश भी दिए गए।