मधुमिता की डायरी: तुम्हें मेरे दर्द का अंदाजा नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकती, “एम” को अपने पति पर भरोसा नहीं

मधुमिता की डायरी:  तुम्हें मेरे दर्द का अंदाजा नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकती, “एम” को अपने पति पर भरोसा नहीं



मधुमिता की डायरी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


“मैं मां बनने का सपना देख रही हूं, तुम्हें मेरे दर्द का अंदाजा नहीं है। तुम इसे स्वीकार करने से इंकार कर सकते हो… लेकिन मैं एक मां के रूप में ऐसा नहीं कर सकती। क्या मैं इसे छह महीने तक कोख में रखने के बाद हत्या कर दूं। तुमने मुझे उपभोग की वस्तु समझ रखा है…”

ये लाइनें उस मां के दर्द की बानगी हैं, जिसने अपने प्रेम की खातिर तमाम दुश्वारियों का सामना किया था। अमरमणि की बेवफाई पर उसने अपने दर्द को डायरी में बयां किया, जो बाद में उसके हत्यारों को कानून के शिकंजे में लाने में मददगार साबित हुई। मधुमिता की इस डायरी को पहले पुलिस और बाद में सीबीआई ने अपनी जांच में शामिल किया। इसमें लिखी गई बातों से साफ था कि अमरमणि गर्भपात करने के लिए मधुमिता पर दबाव बना रहा था। मधुमिता के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जब उसके सात माह के गर्भ के बारे में पता चला तो अमरमणि की मुश्किलें बढ़ गई क्योंकि अब यह मामला केवल मधुमिता की हत्या ही नहीं, बल्कि उसके जन्म लेने वाले बच्चे की हत्या भी बन चुका था। डीएनए जांच से साबित हो गया कि मधुमिता के पेट में पल रहा बच्चा अमरमणि का था।

”एम” को अपने पति पर कोई भरोसा नहीं

मधुमिता की डायरी में लिखा था कि ”एम” को अपने पति पर भरोसा नहीं है। यहां पर ”एम” का जिक्र मधुमणि के लिए था। इससे सीबीआई के अधिकारियों को पता चला कि मधुमिता की मधुमणि से अमरमणि को लेकर बातचीत हुई थी। मधुमणि ने लिखा था कि ”एम” का कहना है कि उसके पति के कई महिलाओं के साथ संबंध रहे हैं, लेकिन उनमें से कोई भी एक वर्ष से अधिक समय तक नहीं चला। वह एक महिला से दूसरी महिला के पास जाता रहता है। लेकिन ”एम” को इस बात का एहसास नहीं है कि बाकी सभी महिलाओं ने सिर्फ उसके साथ संबंध बनाए, वे उससे प्यार नहीं करती थीं। मेरे लिए वह मेरी जिंदगी है।

दिल्ली में झगड़े का भी जिक्र

35 पन्नों की डायरी में दिल्ली में मधुमिता और अमरमणि के बीच हुए झगड़े का भी जिक्र था। उसने लिखा कि मैं दिल्ली के एक होटल में थी और वह सदन में था। मेरे जोर देने पर ग्रेटर कैलाश के होटल ले गया, जहां डांस करने को कहा। जब मैं भी एक लड़के के साथ डांस करने लगी तो उसने मुझे दो थप्पड़ मारे। डायरी में अमरमणि के नाम की जगह विक्टर शब्द का इस्तेमाल करते हुए उसने यह भी लिखा कि वह अपनी से बहुत डरता है। उसने डायरी में लिखा कि भगवान, सोचो कितना दुख होता होगा कि आज तक जिसे दिलो जान से चाहते रहे, एकदम से ये पता चला कि उसने कभी हमें चाहा ही नहीं। अब शायद पीछा छुड़ाना चाहता है। मुझे इस दर्द का सामना करने की शक्ति दीजिए।

 



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