एमडीए कार्यालय पर खाना बनाते भारतीय किसान यूनियन क सदस्य
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मुरादाबाद में 11 गांवों की भूमि अधिग्रहण के विरोध में भाकियू टिकैत का अनिश्चितकालीन धरना रात में भी जारी रहा। धरना स्थल पर आयोजित पंचायत में किसान नेताओं ने अधिग्रहण का प्रस्ताव निरस्त होने तक धरना जारी रखने का एलान किया गया। धरना स्थल पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा।
एमडीए के अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) ने शहर से सटे 11 गांवों में सुनियोजित विकास के लिए किसानों की सहमति से भूमि अधिग्रहण की सूचना जारी की है।
भाकियू नेता और किसान इसका विरोध कर रहे हैं। एमडीए दफ्तर में धरना स्थल पर आयोजित पंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. नो सिंह ने कहा कि नया मुरादाबाद योजना के लिए किसानों से ली गई अधिकांश भूमि खाली पड़ी है। पहले उसे आबाद किया जाए।
70 प्रतिशत किसान आपत्ति दर्ज करा चुके हैं कि वह अपनी भूमि बेचना नहीं चाहते हैं। इसके बावजूद एमडीए भूमि जबरन लेने पर उतारू है। प्रदेश महासचिव डॉ. चरन सिंह ने कहा कि एमडीए के अधिकारी भूमि को कौड़ियों के भाव लेने का प्रयास कर रहे हैं।
इसके लिए एमडीए की टीम गांवों में जाकर किसानों को नोटिस थमा रही है। पंचायत को जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी, पंकज चौधरी, शुभम राठी, नौसे अली, साबिर हुसैन, शीशपाल सिंह, योगेंद्र सिंह, प्रीतम सिंह, हरेंद्र सिंह, सचिन, अमरीक सिंह, जागेंद्र सिंह आदि ने भी संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने प्रस्ताव निरस्त होने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया।
किसी भी किसान से जबरन भूमि नहीं ली जाएगी। किसानों से पूर्व में हुई वार्ता में उन्हें इससे अवगत कराया जा चुका है। किसानों से वार्ता के लिए एमडीए प्रशासन हमेशा तैयार है। संज्ञान में आया है कि कुछ प्रापर्टी डीलर किसानों को बहका रहे हैं। उन्हें चिह्नित करने का काम चल रहा है। क्षेत्र में कहीं भी अगर अवैध निर्माण पाया जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। -शैलेष कुमार, वीसी, एमडीए।