मुरादाबाद निवासी आतंकी अहमद रजा के घर पहुंची जांच एजेंसियां
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हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी अहमद रजा उर्फ शाहरुख की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने उसके पिता फिरासत हुसैन को भी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। सूत्रों का दावा है कि टीम उससे सवाल जवाब कर रही है। अब टीमें जांच पड़ताल कर रही हैं कि हिस्ट्रीशीटर फिरासत हुसैन ने भविष्य में पुलिस से बचने के लिए शातिर दिमाग लगाकर बेटे को बेदखल किया था या फिर हकीकत में ही वह उसकी गलत संगत से परेशान था।
मूंढापांडे थाना क्षेत्र के मिलक गुलड़िया निवासी फिरासत हुसैन के तीन बेटों में तीसरे नंबर के बेटे अहमद रजा उर्फ शाहरुख उर्फ मोहीउद्दीन को तीन दिन पहले एटीएस की टीम करनपुर अड्डे से उठा कर अपने साथ ले गई थी। वह अपने घर से कपड़ों सिलाई कराने टेलर के पास गया था।
एटीएस की पूछताछ में सामने आया था कि अहमद रजा हिजबुल के सदस्य फिरदौस निवासी अनंतनाग (जम्मू कश्मीर) के संपर्क में था। वह पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान जाकर आतंकी कमांडो ट्रेनिंग लेकर भारत में आतंकी घटना करने का मंसूबा बना रहा था। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में लड़ रहे विभिन्न जिहादी संगठनों से भी प्रभावित है।
उनकी जिहादी सोच और उनकी बहस पर बहुत विश्वास करता था। वह भारत में भी शरिया कानून लागू कराना चाहता था। आरोपी जयपुर में मदरसे में पढ़ाता था। बृहस्पतिवार शाम लखनऊ में एटीएस थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
इससे पहले ही टीम ने अहमद रजा के पिता फिरासत हुसैन को लखनऊ बुला लिया था। उससे पूछताछ की जा रही है। फिरासत हुसैन भी अपराधी रहा है। उसके खिलाफ 1989 में भोजपुर में डकैती का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके अलावा 1991 में फिरासत हुसैन की हिस्ट्रीशीट खोली गई थी।
अहमद रजा के परिजन बार-बार बेटे के बेदखल किए जाने की बात कह रहे हैं। टीमों को संदेह है कि अहमद रजा के साथ कुछ और भी लोग जुड़े हैं। 2020 में अहमद रजा को बेदखल कर दिया था। बावजूद इसके वह बार-बार अपने घर आता था लेकिन परिवार ने कभी भी पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी।
सूत्रों का दावा है कि एटीएस पूछताछ में अगर फिरासत के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिलेंगे तो उसे छोड़ दिया जाएगा। अहमद रजा के अलावा उसके परिवार के अन्य लोगों के मोबाइल का डाटा भी खंगाला जा रहा है। एसएसपी हेमराज मीना ने बताया कि इस पूरे मामले को एटीएस देख रही है।