अदालत का फैसला
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ठाकुरद्वारा क्षेत्र में नाबालिग किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए 20-20 की सजा और 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस मामले में तीसरे आरोपी की फाइल अलग कर दी गई है। ग्रामीण ने 22 नवंबर 2019 को केस दर्ज कराया था। उसने बताया कि 14 वर्षीय बेटी खेत पर जा रही थी।
रास्ते में ठाकुरद्वारा के फरीदपुर निवासी जितेंद्र और उसका साथी विजय पाल व अन्य मिल गया था। आरोपियों ने उसकी बेटी को गन्ने के खेत में खींच लिया और उसके साथ तीनों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपियों ने पीड़िता को घटना की जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी दी।
इसके बाद पीड़िता घर आ गई और उसने किसी को कुछ नहीं बताया। अगले दिन किशोरी घर में सहमी और डरी हुई बैठी थी। मां के पूछने पर उसने आपबीती सुनाई थी। इसके बाद पीड़िता के मां बाप आरोपियों के घर शिकायत लेकर पहुंचे तो उनके साथ मारपीट कर वहां से भगा दिया गया।
पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को जेल भेज दिया था। विवेचना में तीसरे आरोपी बबलू का नाम प्रकाश में आया था। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इस केस की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट संख्या दो शैलेंद्र वर्मा की अदालत में चली।
इसमें विशेष लोक अभियोजक एमपी सिंह और अकरम खान ने पक्ष रखा। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जितेंद्र और विजय पाल को दोषी करार देते हुए 20-20 साल की सजा और 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। तीसरे आरोपी बबलू की फाइल अलग कर दी गई है।