हैंडीक्राफ्ट आयटम
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चीन की चाल के चलते संभल के सींग निर्यात पर चौपट होने जा रहा है। कच्चा माल चार गुना रेट पर मिलने के कारण सींग उद्योग को 500 करोड़ का नुकसान हो रहा है। हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के महासचिव अवधेश अग्रवाल ने बताया कि संभल में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के स्लाटर हाउस से सींग का कच्चा माल आता है।
इसके बाद उद्ममी सींग का सामान बनाकर उसे विश्व के कई देशों को निर्यात करते हैं। छानबीन से पता चला कि चीन और वियतनाम सीधे स्लाटर हाउस से कच्चा सींग ले रहे हैं। स्लॉटर हाउस से सीधे दोनों देशों को निर्यात होने से सींग के रेट चार गुना बढ़ गए हैं। चार गुना महंगा माल मिलने से संभल के निर्यात पर काफी खतरा हो गया है।
इस मामले में संभल के निर्यातक एवं आईआईए के चेयरमैन कमल कौशल, वाइस चेयरमैन मो. सारिक, निर्यातक नदीम, मो. वसीम ने अवधेश अग्रवाल से मुलाकात कर स्थिति से अवगत कराया। इस मामले हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के महासचिव ने प्रशासनिक सदस्य एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल फार हैंडीक्राफ्ट नई दिल्ली से मुलाकात की।
उन्होंने बताया कि संभल में लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराना सींग का कारोबार है। इस कारोबार से करीब 40000 कारीगर जुड़े हुए हैं। संभल से करीब 400 से 500 करोड़ हस्तशिल्प सींग प्रतिवर्ष निर्यात होता है। मई 2023 में संभल हॉर्न क्राफ्ट के नाम से जीआई प्रदान किया गया था।
इस मामले में निर्यातकों ने चीन और वियतनाम की सीधी खरीद को प्रतिबंधित करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अलावा ईपीसीएच के डायरेक्टर आरके वर्मा और मेंटोर राकेश कुमार को पत्र भेजा है। बताया कि प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो संभल का हार्न क्राफ्ट उद्योग चौपट हो जाएगा।