मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला के राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में अमर उजाला मेधावी छात्र सम्मान समारोह में प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के शैक्षणिक सत्र 2022-23 के 10वीं और 12वीं कक्षा के 260 मेधावियों को सम्मानित किया। सम्मान प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उन्होंने अमर उजाला के प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने सभी मेधावी विद्यार्थियों को पांच-पांच हजार रुपये देने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा घर से शुरू होती है और माता-पिता ही हमारे प्रथम गुरु होते हैं जो हमें हर तरह से शिक्षित और प्रशिक्षित करने के साथ ही अच्छे संस्कार भी प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता के लिए कड़ा परिश्रम आवश्यक है तथा व्यक्ति की सोच ही उसके भविष्य को तय करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने की दिशा में काम कर रही है। राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध ढंग से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण स्तर पर बच्चे भविष्य की चुनौतियों का सामना आत्मविश्वास से कर सकें। सीएम ने कहा कि वह स्वयं भी सरकारी स्कूल से पढ़े हैं और आत्मविश्वास व मजबूत इच्छाशक्ति से ही जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), डाटा साईंस, रोबोटिक इंजीनियरिंग जैसे नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, ताकि बच्चों को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।
इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए इस वर्ष नवंबर तक 6000 अध्यापकों की भर्ती भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि आपदा के कारण राहत शिविरों में रहने वाले परिवारों को राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पांच हजार रुपये और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये प्रति माह किराया देने का निर्णय लिया है, ताकि पीड़ित परिवारों की मुश्किलों को कुछ कम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि आपदा से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है और पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए शनिवार और रविवार को कक्षाएं लगाने पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करने का प्रयास कर रही है और सरकार की नीतियां और योजनाएं शीघ्र ही धरातल पर नजर आएंगी।