मेरा क्या कसूर था: किसी ने बोरे में बंदकर नवजात बालक को मरने के लिए फेंका, ग्रामीणों ने बचाई जान

मेरा क्या कसूर था: किसी ने बोरे में बंदकर नवजात बालक को मरने के लिए फेंका, ग्रामीणों ने बचाई जान



बोरे में बंद मिला था नवजात
– फोटो : अमर उजाला

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बदायूं के उसावां थाना क्षेत्र के गांव गौतरा भौनी पट्टी में सोमवार को एक नवजात बालक बोरे में बंद तालाब किनारे पड़ा मिला। जब लोगों ने उसके रोने की आवाज सुनी तो उसे बोरे से निकाला गया। कुछ लोग कपड़े लेकर आए तो किसी ने दूध लाकर पिलाया। बाद में मौके पर पहुंची चाइल्ड टीम उसे महिला अस्पताल के एसएनसीयू ले गई। डॉक्टरों ने बालक को स्वस्थ बताया है।

सोमवार सुबह गौंतरा भौनी पट्टी गांव के कुछ लोग अपने खेतों की ओर जा रहे थे। तभी उन्होंने गांव के बाहर तालाब किनारे एक बोरे से नवजात बालक की रोने की आवाज सुनी। गांव के लोग बोरे से बालक की रोने की आवाज सुनकर हैरान रह गए। इस पर उन्होंने गांव के और लोगों को बुला लिया। मौके पर भीड़ जमा हो गई। 

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बोरे में बिलख रहा था मासूम 

ग्रामीणों ने बोरा खोला तो मासूम बच्चे को देख दंग रह गए। नवजात बोरे के अंदर बिलख रहा था। बोरे में मासूम बालक मिलने की खबर गांव में आग की तरह फैल गई। कुछ लोग भागकर गए और कपड़े ले गए। उन्होंने बच्चे को कपड़े पहनाए। तो किसी ने तुरंत गाय के दूध का इंतजाम किया। बालक को दूध पिलाया। गांव की महिलाओं ने उसे दुलार कर चुप कराया। 



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