शांति निकेतन
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पश्चिम बंगाल में स्थित शांति निकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया गया है। इस पर खुशी जताते हुए यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी वर्मा ने कहा कि भारत इसका जश्न मना रहा है। बता दें कि शांति निकेतन में करीब एक सदी पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने विश्व भारती का निर्माण किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर खुशी जताते हुए इसे सभी भारतीयों के लिए गर्व का पल बताया।
क्या बोले यूनेस्को में भारत के प्रतिनिधि
विशाल वर्मा ने रविवार को कहा कि ‘शांति निकेतन को विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर पूरा भारत जश्न मना रहा है…मैं संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और पुरातत्व विभाग को इसके लिए धन्यवाद देता हूं। पीएम मोदी शांति निकेतन के कुलाधिपति हैं और आज उनका जन्मदिन भी है। ऐसे में विश्व धरोहर सूची में शांति निकेतन को शामिल किया जाना, उनके लिए जन्मदिन का तोहफा है।’ विशाल वर्मा ने कहा कि ‘शांति निकेतन ग्रामीण बंगाल में स्थित है और यह मशहूर कवि, कलाकार, संगीतकार और दार्शनिक रबींद्रनाथ टैगोर के दर्शन के साथ काम करता है। हम सभी को शांति निकेतन की सार्वभौमिकता के बारे में जानने के लिए लोगों को आमंत्रित करना चाहते हैं।’ रबींद्रनाथ टैगोर ने ही इसकी स्थापना की थी। आज यहां विश्व भारती विश्वविद्यालय है।
बीरभूम में स्थित है शांति निकेतन
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित सांस्कृतिक स्थल को यूनेस्को को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने का प्रयास लंबे समय से चल रहा था। अब सऊदी अरब में चल रहे विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र के दौरान यह फैसला लिया गया है। यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शांति निकेतन भारत का 41वां विश्व धरोहर स्थल है। प्रसिद्ध संरक्षण वास्तुकार आभा नारायण लांबा ने शांति निकेतन को विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए डोजियर तैयार किया था। इसे लेकर साल 2009 में भी डोजियर तैयार किया गया था लेकिन उस समय बात नहीं बन पाई थी। कुछ महीने पहले ही फ्रांस स्थित इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) ने शांति निकेतन को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की सिफारिश की थी। यह एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है, जो दुनिया के विरासत स्थलों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए समर्पित है।