गांवों में मॉल की कल्पना को दिखाने वाली यह एक सांकेतिक तस्वीर है।
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के गांवों को ‘स्मार्ट विलेज’ में तब्दील करने के निर्देश दिए। इसके लिए हर गांव में मॉल की तर्ज पर विश्वकर्मा संकुल बनेंगे। इसके जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जहां आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी, वहीं ग्रामीण श्रमिकों को अपनी मेधा का प्रदर्शन करने के लिए एक ही छत के नीचे सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध होंगी। शनिवार को सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के कामकाज की समीक्षा के दौरान योगी ने अन्य कई निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने लखनऊ, गोरखपुर और यूपी के सभी बड़े रेलवे स्टेशन, गांधी आश्रम, पर्यटन विभाग के होटलों और आवास गृह सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) का डिस्प्ले लगाने के लिए निर्देश दिए। इन स्थानों पर ओडीओपी उत्पादों को खरीदने की व्यवस्था भी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिले में एक-एक हफ्ते के लिए ओडीओपी की प्रदर्शनियां लगाई जाएं। साथ ही फ्लिपकार्ट, अमेजॉन और लूलू ग्रुप के साथ मिलकर ओडीओपी का प्रचार करें।
ओडीओपी की सप्लाई चेन और मजबूत करने और मांग के अनुसार उत्पाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडीओपी के लिए निर्धारित बजट का शत-प्रतिशत उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री को बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश के सात जिलों में सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा सात सीएफसी अक्टूबर और सात फरवरी तक क्रियाशील हो जाएंगे। वहीं पांच अन्य जिलों में सीएफसी की स्थापना जल्द होगी।
इंटरनेशनल ट्रेड शो को लेकर खास फोकस
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को 21 से 25 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपी आईटीएस 2023) की तैयारियों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी आईटीएस -2023 महत्वपूर्ण आयोजन है। इसके जरिए प्रदेश की उत्कृष्ट कला को वैश्विक रूप से प्रदर्शित करने का हमारे पास बड़ा अवसर है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भारतीय पैकेजिंग संस्थान (आईआईपी), यूपी डिजाइन इंस्टीट्यूट, यूनिटी मॉल और प्लेज पार्क की प्रगति की भी जानकारी ली।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान को लेकर योगी के खास निर्देश-
-विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में परंपरागत ट्रेड्स को जल्द शामिल किया जाए
-लाभार्थियों को प्रशिक्षण दें और उनके ट्रेड से जुड़े बाजार के बारे में भी बताएं
-वितरित की जाने वाली टूलकिट की गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता न करें
-टूलकिट वितरण के साथ ही लोन की व्यवस्था भी कराएं
-लाभार्थियों को ऑनलाइन पेमेंट सेवाओं से जोड़ें
-ट्रेंड श्रमिकों के लिए पोर्टल विकसित करें और जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराएं