बारिश।
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बारिश की वजह से नदियों का जल स्तर अभी बढ़ ही रहा है। 12 साल का रिकार्ड तोड़ने के बाद बदायूं के कछला ब्रिज पर जल स्तर और बढ़ गया है तथा यहां बाढ़ का स्तर उच्च है। अभी आगे भी हालात यही बने रहेंगे। सरयू समेत अन्य नदियों का जलस्तर भी लगातार खतरनाक होता जा रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान बरसाती नदियां पहुंचा रही हैं जिनके कारण कई जिलों में स्थिति बदतर हो गई है।
गंगा और यमुना दोनों ही नदियां इस समय कहर बरपा रही है। हालांकि अधिकतर जिलों में गंगा और यमुना को अब रेड जोन से बाहर कर दिया गया है। आगरा और मथुरा में यमुना की स्थिति अब भी गंभीर है। यही हाल बाराबंकी में सरयू का भी है। अयोध्या में सरयू और शाहजहांपुर में रामगंगा गंभीर स्थिति पैदा कर रही है। कुशीनगर में गंडक नदी का जल स्तर बढ़ गया है। फर्रुखाबाद और हापुड़ में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ है जो चिंता का विषय बना है। अगले 2 दिन जहां कई नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है तो वहीं कई विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका जताई जा रही है। हिंडन, गंगा-यमुना नदियों के किनारे बसे गांवों और शहरी इलाकों में स्थित बिगड़ सकती है। बाढ़ के खतरे के आगाह करते हुए संबंधित जिलों को सतर्क किया गया है।
कब्जे के कारण उफन गई बरसाती नदियां
इस समय बरसाती नदियों ने सबसे ज्यादा स्थिति खराब की है। दरअसल इन नदियों पर कब्जे हो रहे हैं। अधिकतर जगह नदियां सूख जाती हैं तो इनमें खेती शुरू हो जाती है। जब बारिश आती और नदियों में पानी ज्यादा आता है तो उसका प्रवाह फिर इधर उधर ही भागता है। यही कारण है कि बिजनौर में मालन, खो आदि नदियों ने आफत मचा रखी है। बागपत में कृष्णा नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। ऐसा कई जिलों में हो रहा है।
आज यहां बारिश का अनुमान
प्रदेश के अधिकतर जिलों में 18 जुलाई को बारिश का अनुमान है। हालांकि रेड अलर्ट घोषित नहीं किया गया है लेकिन 18 जुलाई को पूर्वी यूपी में कई स्थानों पर गरज के साथ तेज बरसात होने की संभावना है। पिछले 24 घंटे के दौरान कई जिलों में जबरदस्त बारिश हुई है। अगले 2-3 दिनों के दौरान आगरा, औरेया, इटावा, फतेहपुर, फिरोजाबाद, हाथरस, जालौन, झांसी, कानपुर, कानपुर देहात, मथुरा, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, प्रयागराज, एटा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, हमीरपुर, बांदा चित्रकूट, सोनभद्र, मिर्जापुर, ललितपुर, रायबरेली और उन्नाव जिलों में तेज बारिश की संभावना है।