यूपी: प्रदेश सहित 6 राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर छापे, वहादत-ए-इस्लामी के जरिये पीएफआई की हो रही थी मदद

यूपी: प्रदेश सहित 6 राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर छापे, वहादत-ए-इस्लामी के जरिये पीएफआई की हो रही थी मदद



छापेमारी के दौरान पुलिसकर्मी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार का पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे। यूपी में यह कार्रवाई लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर और बाराबंकी के एक दर्जन ठिकानों पर हुई। इसके अलावा दिल्ली, एमपी, महाराष्ट्र, राजस्थान और तमिलनाडु में भी कार्रवाई की गई। जांच एजेंसी की इस कार्रवाई के खासी तादाद में इस्लामिक साहित्य बरामद किए गए हैं।

दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के बाद केरल के संगठन वहदत-ए-इस्लामी के जरिये राष्ट्रविरोधी विचारधारा का प्रचार-प्रसार का मामला प्रकाश में आया था। पता चला था कि इसमें पीएफआई और सिमी की विचारधारा से जुड़े लोग शामिल हैं। इसकी जांच में लिए यह कार्रवाई की गई।जांच एजेंसी ने यूपी में सिर्फ पांच जिलों में छापे की पुष्टि की है। इसके साथ ही दिल्ली के फजलपुर, शाहीन बाग, ओखला और चांदनी चौक, मध्य प्रदेश में भोपाल जिले, महाराष्ट्र में ठाणे, मुंबई, राजस्थान में टोंक व गंगापुर तथा तमिलनाडु में मदुरई में तलाशी अभियान चलाया गया।

पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई सदस्यों के खिलाफ दर्ज मुकदमे की जांच में पीएफआई को ठोस सुबूत मिले थे। यह मामला पीएफआई की पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी की बिहार यात्रा के दौरान व्यवधान उत्पन्न करने की साजिश से जुड़ा है। इन्हीं सुबूतों के आधार पर जांच एजेंसी ने बुधवार को लखनऊ के मदेयगंज में पशु चिकित्सक डॉ. गुलाम ख्वाजा, यूनानी पद्धति के चिकित्सक डॉ. अनीस अंसारी और सेवानिवृत्त शिक्षक शमीम अहमद के ठिकाने खंगाले। कानपुर के मूलगंज इलाके में चिकित्सक डॉ. अबरार हुसैन के क्लीनिक व बुक स्टॉल की छानबीन के बाद स्थानीय थाने पर ले जाकर पूछताछ की गई। संत रविदासनगर में एनआईए ने ट्रेवल एजेंसी संचालक मौलाना सोहैब आलम नदवी के ठिकानों से धार्मिक पुस्तिकें, मोबाइल व रसीद बरामद किए हैं।

सीतापुर के महमूदाबाद व लहरपुर में कुछ संदिग्धों की तलाश एनआईए कुछ लोगों से पूछताछ की। बाराबंकी के कुर्सी थानाक्षेत्र स्थित मो. नदीम अंसारी के ठिकाने को भी खंगाला। पीएफआई के पदाधिकारी नदीम को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि एनआईए ने पीएफआई से जुड़े लोगों के ठिकानों को खंगालने के लिए मदद मांगी थी। इस पर संबंधित जिलों में पुलिस बल मुहैया करा दिया गया था।

इस्लामिक राज्य बनाने की योजना

दरअसल फुलवारी शरीफ केस अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने देश भर में इस संगठन के सदस्यों के कई ठिकानों पर छापा मारा था। जांच में वहदत-ए-इस्लामी का नाम सामने आया था। आरोप लगा था कि आतंकी संगठन अंसारुल्लाह इस संगठन के जरिये भारत में आतंकी हमले करने के लिए धन जुटा रहा है। एनआईए की जांच में पीएफआई के (विजन डॉक्यूमेंट) 2047 तक भारत को कैसे इस्लामिक राष्ट्र बनाया जाए की साजिश से जुड़े गोपनीय दस्तावेज भी बरामद हुए थे।

बीती जुलाई में एनआईए ने पटना व दरभंगा में कुछ बुक स्टॉल पर छापे मारे थे। वहां से मिले सुराग के बाद बुधवार को पीएफआई के मददगारों व उसकी विचारधार का प्रचार-प्रसार करने वालों के ठिकानों को खंगाला गया है। संदेह के दायरे में आए लोगों से पूछताछ भी की गई, हालांकि किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।

 



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