यूपी रोडवेज : रूखे अंदाज में सवारियों से बात करते नहीं दिखेंगे बसों के ड्राइवर-कंडक्टर, सलीके से करना होगा बात

यूपी रोडवेज : रूखे अंदाज में सवारियों से बात करते नहीं दिखेंगे बसों के ड्राइवर-कंडक्टर, सलीके से करना होगा बात



यूपी रोडवेज की बस
– फोटो : अमर उजाला।

विस्तार


उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) की बसों में सफर करने वाले यात्री अब न सिर्फ सुविधाजनक यात्रा का लाभ उठाएंगे, बल्कि चालक और परिचालकों के अच्छे व्यवहार से भी उन्हें चैन की यात्रा करने का अवसर प्राप्त होगा। यह बदलाव योगी सरकार के परिवहन निगम की छवि को सुधारने के तहत लिए गए निर्णय के चलते जल्द ही यात्रियों को देखने को मिलेगा। परिवहन निगम की समीक्षा बैठक में भी छवि को बेहतर बनाने एवं यात्रियों के साथ अच्छे व्यवहार के लिए कार्य किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

सुखद होगा यात्रियों का अनुभव

मंगलवार को प्रमुख सचिव (परिवहन) एवं अध्यक्ष एल वेंकटेश्वर लू, एमडी मासूम अली सरवर, एएमडी अन्नपूर्णा गर्ग एवं यूपीएसआरटीसी मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक, सेवा प्रबंधक एवं सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक के साथ संचालन तथा अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर समीक्षा बैठक में सबसे ज्यादा महत्व विभाग की छवि सुधारने को लेकर रहा। कहा गया कि परिवहन निगम की अच्छी छवि बनाने के लिए कार्य करें। 15 लाख यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं तथा उत्तर प्रदेश परिवहन निगम राज्य सरकार के सबसे बड़े विभागों की श्रेणी में आता है। यात्री हमारे ग्राहक है उनके साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिए। चालकों-परिचालकों को व्यवहार के संबंध में परामर्श दिया जाए, ताकि यात्रियों के अनुभव को सुखद बनाया जा सके।

बिना टिकट यात्रा मामलों में लाई जाए कमी

बैठक में क्षेत्रीय प्रबंधक, सेवा प्रबंधक एवं सहायक क्षेत्रीय प्रबंधको को अपने कर्त्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन सही ढंग से करना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। कहा गया कि बसों का समयबद्ध संचालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए, जिससे की निगम की स्वच्छ छवि बनें। चालक-परिचालक का स्वास्थ्य परीक्षण नियमित रूप से कराना सुनिश्चत करें। बिना टिकट यात्रियों के प्रकरणों में कमी लाने के लिए कठोर कार्यवाही करें। डीजल चोरी के प्रकरणों में सख्त एवं कठोर कार्यवाही की जाए। चालक-परिचालक का त्रैमासिक आवंटन नियमित रूप से बनाया जाए। इसके साथ ही, आरएम, एसएम एवं एआरएम से अपेक्षा की गई है कि वे स्वयं भी बसों का निरीक्षण करना सुनिश्चित करें।



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