यूपी विधानमंडल सत्र: हंगामे के बीच 20 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी विधानसभा की कार्यवाही, फिर हुई बाढ़-सूखा पर चर्चा

यूपी विधानमंडल सत्र: हंगामे के बीच 20 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी विधानसभा की कार्यवाही, फिर हुई बाढ़-सूखा पर चर्चा



यूपी विधानसभा
– फोटो : amar ujala

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समाजवादी पार्टी के विधायक सुरेश यादव की ओर से लगाए गए पक्षपात के आरोप से खिन्न विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बृहस्पतिवार को विधानसभा की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित की। सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होने पर महाना ने कहा कि उन्होंने सदैव सदन के सदस्यों और सदन की गरिमा को बढ़ाने का प्रयास किया है। सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष को सदैव समान और सम्मान दिया है।

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा विधायक सुरेश यादव ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में आरोप लगाया कि विपक्ष के लोगों को मौका नहीं दिया जाता है। इससे खफा महाना ने कहा कि यह आरोप लगाना ठीक नहीं है, यदि इस तरह के आरोप लगाएं तो मैं सदन छोड़कर जा रहा हूं। उन्होंने पहले झांसी विधायक रवि शर्मा को अधिष्ठाता के रूप में पीठ पर बैठने के लिए आमंत्रित किया। फिर 12.10 बजे सदन की कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित करने की घोषणा कर अपने कक्ष में चले गए। सपा विधायक अवधेश प्रसाद, लालजी वर्मा, रागिनी सोनकर सहित विधायकों ने महाना को रोकने का प्रयास किया। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव, सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने महाना के कक्ष में जाकर उनसे मुलाकात की।

सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होने पर महाना ने कहा कि बीते सवा साल में उन्होंने सदन गरिमा को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष के सदस्य पहले की व्यवस्था भी याद है। पहले सदन के सदस्यों को लेकर क्या धारणा थी। सपा विधायक अवधेश प्रसाद ने कहा कि महाना ने सदन की गरिमा को बढ़ाया है। उनका जितना सम्मान है उतना सरकार का भी नहीं हैं। महाना के नेतृत्व में सदन ने नवाचार का इतिहास भी रचा है। ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि विपक्ष के सदस्य आपसे इतने संतुष्ट हैं जितने आपके घरवाले भी नहीं होंगे। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सदन के सदस्यों को अपनी बात और व्यवहार पर संयम होना चाहिए।

बाढ़, सूखा, बिजली पर बिफरा विपक्ष, सरकार ने आरोपों को किया खारिज

प्रदेश में बाढ़, सूखा के हालात और बिजली की किल्लत को लेकर बृहस्पतिवार को भी विधानसभा में चर्चा जारी रही। विपक्ष के एक दर्जन से ज्यादा विधायकों ने अपने-अपने इलाके की समस्याओं को उठाते हुए राज्य सरकार को घेरा, इसके जवाब में मंत्रियों ने आरोपों को खारिज करते हुए तमाम आंकड़े पेश किए। अब शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और नेता सदन योगी आदित्यनाथ सदन में चर्चा में भाग लेंगे।

विधानसभा में विधायक सुरेंद्र मैथानी, वीरेंद्र यादव, संजय निषाद, उमर अली, सुरेश पासी, दुर्गा प्रसाद यादव, रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, समर पाल सिंह आदि ने अपने इलाके की समस्याओं से सदन को अवगत कराया। कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि बाढ़ के दौरान बंधे पर बसने वालों को व्यवस्थित किया जाए ताकि अधिकारी दौरा करने के वक्त उनको परेशान न करें। उन्होंने सूखाग्रस्त क्षेत्रों में नदियों को जोड़ने की योजना पर काम करने की मांग की। वहीं राज्य सरकार की ओर से सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि प्रदेश की समस्त नहरों की टेल तक पानी पहुंचाया जा रहा है।

सपा सरकार में केवल आठ सिंचाई परियोजनाओं पर काम हुआ, जबकि बीते छह वर्षों में 85 परियोजनाओं को धरातल पर उतारा गया है। इससे 23 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि और 46.88 लाख से अधिक किसान लाभांवित हुए हैं। पहले 29 हजार किमी नहरों की सफाई होती थी, आज 75 हजार किमी से अधिक नहरें साफ हो रही हैं। बीते छह वर्षों में 982 तटबंध बनाए गए। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि पहले बिगड़ा हुआ माहौल था, अब किसानों के लिए संवेदनशील सरकार है। प्रदेश में सारे तटबंध सुरक्षित हैं, कहीं चिंताजनक स्थिति नहीं है। जहां किसानों की फसल खराब हुई है, उसकी सरकार भरपाई करेगी। बाढ़ से हुए नुकसान की वजह से राज्य सरकार किसानों को मुफ्त बीज देगी।



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