विधानसभा में जवाब देते वित्तमंत्री सुरेश खन्ना (फाइल फोटो)
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यूपी विधानमंडल का मानसून सत्र जारी है। सत्र के तीसरे दिन वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने नई पेंशन योजना को लेकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना से कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से ज्यादा फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने नई पेंशन योजना (एनपीएस) में कर्मचारियों को बड़ी राहत भी दी है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन लागू करने का कोई विचार नहीं है। सपा के विधायकों ने वित्त मंत्री के जवाब से असंतोष जाहिर करते हुए बहिर्गमन किया।
सरकार के इस बयान के साथ यह बात साफ हो गई है कि प्रदेश की योगी सरकार पुरानी पेंशन के बारे में विचार नहीं कर रही है। मालूम हो कि देश के कई राज्य पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू कर चुके हैं। राज्य के विभिन्न कर्मचारी संगठन लगातार पुरानी पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
पेंशन बड़ा सहारा
सपा के विधायक अनिल प्रधान, पंकज मलिक, जय प्रकाश अंचल और रालोद के विधायक गुलाम मोहम्मद ने बुधवार को विधानसभा में तारांकित प्रश्न के जरिये पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारी के लिए पेंशन जीवन यापन का सबसे बड़ा सहारा है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन न मिलने से सेवानिवृत्त कार्मिक का परिवार में सम्मान नहीं होता है। जीवनभर सरकार की सेवा करने के बाद बुढ़ापे में वह बेसहारा हो जाता है। उन्होंने सवाल किया कि कर्मचारियों की पेंशन राशि कहां जमा है और उसकी सुरक्षा की क्या गारंटी है? उन्होंने कहा कि क्या सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने पर विचार करेगी।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि एक अप्रैल 2005 में जब एनपीएस लागू की गई तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। उसके बाद भी प्रदेश में बसपा और सपा की सरकार रही। उन्होंने कहा कि 2019 में योगी सरकार ने एनपीएस में अपना अंशदान 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संगठनों ने एनपीएस के तहत उनकी जमा राशि पर 8 प्रतिशत ब्याज की मांग की थी, जबकि वर्तमान में उन्हें 9.32 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है।
कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, बीमा का लाभ दिया जा रहा है। चिकित्सा व्ययपूर्ति का आदेश जल्द जारी किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों की पेंशन राशि का 85 प्रतिशत हिस्सा सरकार के पास सुरक्षित है। 15 प्रतिशत राशि एसबीआई, यूटीआई सहित अन्य जिम्मेदार संस्थाओं के पास हैं। उन्होंने कहा कि 5.59 लाख कर्मचारी, 3.36 लाख शिक्षक और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारी एनपीएस के तहत पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन बहाली पर कोई विचार नहीं करेगी।