अब्दुल समद उर्फ सद्दाम।
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माफिया खालिद अजीम उर्फ अशरफ का साला सद्दाम पुलिस की साठगांठ से ही अपने काले धंधों को संचालित करता रहा। हैरतअंगेज है कि प्रधानमंत्री मोदी को अपशब्द कहने संबंधी वीडियो को वायरल करने पर तीन साल पहले दर्ज हुई एफआईआर से बचाने में भी पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी। एफआईआर भी एक चौकी प्रभारी ने कराई थी। 29 महीने चली जांच में पांच बार विवेचक भी बदले गए। बावजूद इसके, इस तर्क के आधार पर क्लीनचिट दे दी गई कि वह खोजे नहीं मिल रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े इस प्रकरण की एफआईआर राजरूपपुर चौकी इंचार्ज चंद्रभानु ने 30 सितंबर 2020 को धूमनगंज थाने में दर्ज कराई थी। एफआईआर में उन्होंने कहा था कि समद उर्फ सद्दाम पुत्र मंंसूर निवासी हटवा पूरामुफ्ती ने फेसबुक पर एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल किया। इसमें प्रधानमंत्री के बारे में अपशब्दों का प्रयोग किया गया। उसके इस कृत्य से शत्रुता फैलने की आशंका है। इससे शहर की शांति व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।