ये प्यार: बुन्नू की यादें और गुन्नू-गिल्लू से गुलजार है ये परिवार, जींस की जेब में सोना पसंद है इन्हें

ये प्यार: बुन्नू की यादें और गुन्नू-गिल्लू से गुलजार है ये परिवार, जींस की जेब में सोना पसंद है इन्हें



विपुल शर्मा के घर में भोजन करते गुन्नू और गिल्लू
– फोटो : अमर उजाला

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अलीगढ़ के गिलहराज मंदिर से चंद कदमों की दूरी पर रहने वाला एक परिवार गिलहरियों का पालनहार बन गया है। गुन्नू, बुन्नू और गिल्लू नाम की गिलहरियों के लिए मामू भांहा इलाके का यह परिवार बहुत खास है। पूरे परिवार को भी इनसे बहुत लगाव हो गया है।

गुन्नू और गिल्लू

शर्मीली गिलहरी से प्रेम की यह कहानी अलग है। इनकी फुर्ती और चतुराई का हर कोई दीवाना हो जाता है। विपुल शर्मा एक फार्मा कंपनी में एरिया मैनेजर और उनकी पत्नी ममता शर्मा पोस्ट ऑफिस एजेंट हैं। बेटा इंजीनियर और बेटी एमबीए कर रही है। विपुल बताते हैं कि 24 सितम्बर 2022 को दो गिलहरी के बच्चे ऊपर छत से नीचे आंगन में आ गिरे। करीब बीस दिन के इन बच्चों की आंख भी पूरी तरह से नहीं खुली थी। इन्हें देख बेटे शिवम को दया आ गई। उनको पालना शुरू कर दिया गया। कुछ ही दिन में दोनों परिवार से घुलमिल गए। इन्हें गुन्नू और बुन्नू नाम दिया गया। 

करीब दस माह बाद बुन्नू की मौत हो गई। जिससे सभी को दुख हुआ। बुन्नू के जाने के 21 दिन बाद एक तीसरी घायल गिलहरी आई, जिसे गिल्लू नाम दिया गया। अब गिल्लू को इस परिवार के साथ रहते हुए करीब 40 दिन हो चुके हैं। परिवार ने आसपास की गिलहरियों के संरक्षण का भी संकल्प लिया है। परिवार का कहना है कि जब ये गिलहरियां उनके कंधे और हाथ पर खेलती हैं तो उन्हें सुखद अनुभूति होती है। 



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