कपिल सिब्बल
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राज्यसभा में गुरुवार को महिला आरक्षण से जुड़े विधेयक पर बहस हुई। इस दौरान राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मांग की कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से 2029 तक महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने की प्रक्रिया पूरी करने के बारे में सदन को आश्वस्त करें।
सिब्बल ने महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान कहा कि मैं चाहता हूं कि प्रधान मंत्री और गृह मंत्री इस सदन में एक बयान दें। हम नहीं जानते कि सत्ता में कौन आएगा, लेकिन उन्हें यह बयान देना चाहिए कि यदि वे 2029 तक प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं तो वे देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आश्वासन वास्तविकता दिखाएगा। उन्होंने कहा कि हम सबको पता है कि 2023 में वे इसे क्यों आगे बढ़ा रहे हैं।
जनगणना को लेकर खड़े किए सवाल
सिब्बल ने कहा कि इस देश में लगभग तीन बार परिसीमन हुआ है और 1972 में शुरू हुई परिसीमन प्रक्रिया को पूरा करने में चार साल लग गए। उन्होंने कहा कि 2001 में जनगणना तय समय पर हुई थी। 2011 में भी जनगणना इसमें देरी नहीं हुई। लेकिन 2021 की जनगणना आज तक नहीं हुई है। इसका कारण यह बताया गया कि उस दौरान 2019-20 कोविड था। जबकि उसी काल में संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और चीन ने जनगणना पूरी की।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि वित्त आयोग जनसंख्या के आधार पर संसाधनों का आवंटन करता है और यदि जनगणना के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं तो आवंटन विषम हो जाता है। जनगणना के आंकड़े उपलब्ध होने के बाद ही परिसीमन किया जा सकता है। ऐसे में अभी जब जनगणना ही नहीं हुई है तो परिसीमन दूर की कौड़ी है।
राज्यसभा से भी पास हुआ विधेयक
गौरतलब है कि इस बिल में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। इसे मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था और बुधवार को लोकसभा से पास कर दिया गया था। वहीं, आज राज्यसभा से भी इस सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। बुधवार को लेकसभा में बिल पर बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने संकेत दिया था कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण 2029 के बाद वास्तविकता बन जाएगा।