जिस अवैध कब्जे में दिन में चला बुलडोजर, वहां रात में फिर लगाया गेट
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राधास्वामी सत्संग सभा के खिलाफ जिसने भी आवाज उठाई, रसूख के चलते उसकी आवाज दबा दी गई। नहीं माना तो साजिश कर जेल भिजवा दिया गया। पर, इस बार तस्वीर बदल गई। गांव के लोगों का कहना है कि हमारा शुरू से मानना था कि झूठे मुकदमे न तो हमें हरा सकते थे न डरा सकते थे।
यह कहना है दयालबाग के ख्वासपुर, मनोहरपुर, लालगढ़ी, नगला तल्फी, जगनपुर आदि गावों के रहने वाले किसानों जो सभा की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। 2010 में मुकदमा झेल चुके खासपुर के राकेश कुमार का कहना था कि जेल की सलाखें मेरे सच को कभी डिगा नहीं सकीं। मैंने सिर्फ गलत का विरोध किया। उन लोगों की पहुंच ऊंची थी। इसलिए उन्होंने मुझे जेल भिजवा दिया। इस बार प्रशासन की कार्रवाई से हमारा मनोबल काफी बढ़ा है।