कांठ (मुरादाबाद)। मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से रामगंगा नदी उफान पर है। कांठ के खादर क्षेत्र में स्थित गांव दरियापुर तक नदी का पानी पहुंच गया है। गांव नदी के पानी से घिरा गया है और सभी रास्तों में पानी होने से ग्रामीणों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है। वह पशुओं के लिए चारा तक नहीं ला पा रहे हैं।
पहाड़ी क्षेत्र में अधिक बारिश होने के कारण नदियों में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे रामगंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गांव दरियापुर तक नदी का पानी पहुंच गया है। गांव के सभी रास्तों पर बाढ़ का पानी भरा है। रामगंगा के किनारे स्थित कई वर्षों पुराना कुएं वाले बाबा के आश्रम और मंदिर में खड़े भवन के चार कमरे और दो बरामदे भी नदी में समा गए हैं। मंदिर में लगा टीनशेड पानी में बह गया है। मंदिर में स्थित देवी-देवताओं सहित बाबा की प्रतिमाओं तक भी पानी पहुंच गया है। वहीं लगातार बढ़ रहे रामगंगा के जलस्तर से ग्रामीण चिंतित है। वह पशुओं के लिए जंगल से चारा तक नहीं ला पा रहे हैं। दरियापुर निवासी भाजपा के बूथ अध्यक्ष अमीचंद्र सिंह, इमरत सिंह, सुरेश सिंह, किशन स्वरूप सिंह, राम सिंह, लेखराज, हरकेश सिंह, पवन, संजीव, रामकुंवर सिंह, सचिन कुमार, शिशपाल सिंह का कहना है कि यदि ऐसे ही नदी का जलस्तर बढ़ता रहा तो गांव तबाह हो जाएगा।
दरियापुर के रास्तों में पानी होने से रोगी परेशान
रामगंगा नदी के ऊफनाने से गांव दरियापुर रास्तों में पानी होने के कारण यहां के ग्रामीण बीमारों को भी उपचार के लिए नहीं ले जा पा रहे हैं। गांव के अमीचंद्र सिंह ने बताया कि सबसे अधिक परेशानी गांव की गर्भवती महिलाओं को हो रही है। गांव को आजादी के बाद से आज तक भी कहीं से भी मार्ग नहीं मिला है। वन और जंगलों के रास्ते ही ग्रामीण आते जाते हैं। बीमार ग्रामीण और गर्भवती महिलाएं भी गांव में अप्रशिक्षित चिकित्सकों से ही उपचार कराने को मजबूर हैं।
हजारों बीघा फसलें रामगंगा के पानी में डूबी
खादर क्षेत्र में रामगंगा नदी के ऊफनाने से किसानों की हजारों बीघा फसलें नदी के पानी में डूब गई हैं। किसानों ने गन्ने, धान, मक्का, बाजरा आदि की फसलों को बड़ा नुकसान बताया है। इधर सब्जियों की पालेजें भी नदी के पानी में समा गई हैं।