आम महोत्सव में लाइन लगाकर लोगों ने आम लिया।
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यूक्रेन से जंग लड़ रहे रूस की राजधानी मास्को में 6 से नौ जुलाई तक आयोजित आम महोत्सव में उत्तर प्रदेश के आमों के धूम रही। इसमें दशहरी, लंगड़ा, और आम्रपाली खूब पसंद किए गए। यूपी पहली बार इस महोत्सव में शामिल हुआ है। इसी का परिणाम है कि तत्काल डेढ़ से दो टन आम भेजने की तैयारी कर ली गई।
महोत्सव में आधा दर्जन निर्यातकों के साथ दो टन आम लेकर उद्यान एवं कृषि व्यापार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह और निदेशक उद्यान आरके तोमर मास्को गए हैं। लोगों ने महोत्सव में यूपी का आम लाइन लगाकर लिया। जबकि यूपी से अब तक रूस को काफी कम आम जाता रहा है। महोत्सव में वहां के सरकारी नुमाइंदों और कारोबारियों संग हुई बैठक के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। उम्मीद है कि रूस अगले सीजन से यूपी के आमों का बड़ा बाजार हो सकता है। वर्तमान में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, स्वीडन, उजबेकिस्तान, इटली, दक्षिण कोरिया, नेपाल, दुबई, भूटान, स्विटजरलैंड, फ्रांस आदि देशों में यूपी के आमों की काफी मांग है।
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महोत्सव में 700-800 रुपये प्रति किलो बिका आम
उद्यान विभाग के निदेशक आरके तोमर ने बताया कि मास्को में यूपी का आम 700 से 800 रुपये प्रति किलो बिका। हवाई जहाज का किराया 290 रुपये और अन्य खर्च 150 रुपये प्रति किलो आया। शेष बचत रही। निदेशक के मुताबिक महोत्सव से लौटते ही डेढ़ से दो टन आम तत्काल मास्को भेजा जाएगा। यह महोत्सव का नतीजा है कि यूपी के आम की डिमांड बढ़ गई है। इस बार टीम दशहरी, लंगड़ा, चौसा और आम्रपाली लेकर गई थी। भविष्य में अन्य आम भी भेजे जाएंगे। वैसे रूस में आम को अलग-अलग नामों की बजाय सिर्फ इंडियन मैंगो के रूप में पहचान ज्यादा है।