बोफोर्स तोप
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यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के पहले दिन लखनऊ को शस्त्र बनाने वाले नए संयंत्र की सौगात मिली। यूपीडा ने कैपिटल एयरगन कैपिटल एयरगन मैन्यूफैक्चरिंग के साथ इस संबंध में जमीन के समझौते पर दस्तखत किए। दो हेक्टेयर जमीन पर बोफोर्स तोप के कलपुर्जे और 9एमएम की पिस्टल बनेगी। पहले चरण में करीब 150 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। 15 महीने में प्लांट काम करना शुरू कर देगा।
आर्डिनेंस फैक्टरियां बोफोर्स तोप को अपग्रेड कर रही हैं। करीब 38 साल पुरानी बोफोर्स तोप के कलपुर्जे बड़ी चुनौती हैं। इसे अब मेक इन इंडिया के तहत दूर किया जाएगा। इसे लेकर गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में कैपिटल एयरगन के निदेशक राजेश भाटिया, जोगिन्दर स्याल और जसविन्दर स्याल की मौजूदगी में यूपीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस संबंध में राजेश भाटिया ने बताया कि उनके समूह को शस्त्र निर्माण में 30 साल का अनुभव है। दिल्ली, लखनऊ और कानपुर में कारोबार है। उन्होंने डिफेंस कारीडोर के तहत लखनऊ या कानपुर में जमीन की मांग की थी। कानपुर में जमीन नहीं हैं इसलिए लखनऊ में शस्त्र निर्माण का प्लांट लगाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बोफोर्स तोप के कलपुर्जों के अलावा 9एमएम पिस्टल और .32, .30, .32 बोर की गोलियां भी बनाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि चार महीने में जमीन मिलेगी और 10 महीने में प्लांट तैयार हो जाएगा। कम से कम 300 लोगों को रोजगार मिलेगा। पूरा प्लांट सौ फीसदी आटोमेटेड होगा। शस्त्र निर्माण में एमएसएमई इकाइयों का प्रवेश मोदी सरकार की नीतियों की वजह से हो सका है। अब 200 करोड़ से कम के शस्त्र मेक इन इंडिया के तहत ही बनाए जाने का प्रावधान है।