फर्जी अधिकारी बनकर घूमता था उत्कर्ष
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एसटीएफ ने मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीम के साथ मिलकर एक फर्जी फ्लाइंग लेफ्टिनेंट को गिरफ्तार किया। आरोपी सेना भर्ती परीक्षा में फेल हो गया था, तब से वह फर्जी लेफ्टिनेंट बनकर बेरोजगार युवकों को एयरफोर्स व सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी को अंजाम दे चुका है। पूछताछ करने के बाद एसटीएफ ने आरोपी के खिलाफ चिनहट थाने में एफआईआर दर्ज कराई। मिलिट्री इंटेलिजेंसी की टीम आरोपी से पूछताछ कर अधिक से अधिक जानकारी जुटा रही है। आशंका है कि उसके साथ कई और लोग भी शामिल हैं।
एसटीएफ के एएसपी अमित कुमार नागर के मुताबिक शुक्रवार शाम को मिलिट्री इंटेलिजेंस के इनपुट पर कुशीनगर के निम्बुआ थानाक्षेत्र के सरगटिया नौरंगिया निवासी उत्कर्ष पांडेय को हिरासत में लिया गया था। वह देवा रोड पर वायु सेना के फ्लाइंग लेफ्टिनेंट की वर्दी में घूम रहा था। तहकीकात में पता चला कि खुलासा हुआ कि उत्कर्ष ललेफ्टिनेंट है ही नहीं। वह फर्जी लेफ्टिनेंट बनकर युवाओं को अपने जाल में फंसाकर उनसे नौकरी के नाम पर ठगी करता है। पिछले तीन साल में आरोपी ने करीब तीस लाख रुपये की ठगी को अंजाम दे चुका है। आरोपी के पास से तमाम अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। जिनकी तस्दीक की जा रही है। धोखाधड़ी, जालसाजी व अन्य गंभीर धाराओं में उस पर केस दर्ज किया गया है। चिनहट पुलिस अब केस की विवेचना करेगी।
अभ्यर्थी से इस तरह बन गया ठग, परिजन भी अंजान
एसटीएफ को पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वर्ष 2020 में उसने भारतीय सेना की एक्स, वाई ग्रुप व एनडीए की परीक्षा दी थी। जिसमें वह फेल हो गया था जबकि उसके ही गांव का प्रवीन तिवारी एक्स ग्रुप की परीक्षा में पास हो गया था। उत्कर्ष का कहना है कि इसमें उसको बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई। इसलिए उसने घर व गांव वालों को बताया कि उसका भी चयन हो गया है। वह लखनऊ में किराए के मकान में रहने लगा। घर वालों को बताया कि वह ट्रेनिंग करने गया था। इसके बाद वह जब भी गांव जाता तो लेफ्टिनेंट की वर्दी में ही जाता था। जब एसटीएफ ने खुलासा किया तब परिजनों को भी उत्कर्ष की सच्चाई पता चली।
गोरखपुर से सिलवाई वर्दी, चारबाग से खरीदे मेडल व रैंक
एसटीएफ के मुताबिक आरोपी ने गोरखपुर से वर्दी सिलवाई थी। चारबाग स्थित एक दुकान से उसने रैंक व मेडल, रिबन खरीदे। जिनको वर्दी पर लगाया। कुशीनगर के कसया बाजार जनसेवा केंद्र से उसने अपना आईडी कार्ड बनवाया था। सोशल मीडिया पर वह उन युवाओं को मैसेज भेजकर नौकरी लगवाने की बात कहता था, जो सेना भर्ती की तैयारी कर रहे होते थे। जो भी संपर्क करता था उनसे वह दो से लेकर पांच लाख तक रुपये लेता था। सबसे ज्यादा कुशीनगर जिले युवाओं से ठगी की।
बाकायदा लोगो लगे देता था नियुक्ति पत्र, खाते में ली ठगी रकम
रकम लेने के बाद वह नियुक्ति पत्र भी देता था। बाकायदा उस पर भारतीय सेना, वायु सेना का लोगो भी लगा रहता था। जिससे किसी को कोई शक न हो। एक दो लोगों को उसके फर्जीवाड़े की जानकारी भी हो गई थी लेकिन उससे आरोपी कहता था कि अगर वह जेल जाएगा तो रिश्वत देने वाला भी जेल जाएगा। इसलिए किसी ने अब तक पुलिस से शिकायत नहीं की थी। एसटीएफ ने जब उसका बैंक खाता खंगाला तो पता चला कि ठगी के करीब 15 लाख रुपये उसने अपने खाते में लिए।
नेता मंत्री भी झांसे में आए, खूब मिला सम्मान
आरोपी के घर वाले, गांव वाले, नेता-मंत्री और पुलिस प्रशासन सभी उसके झांसे में आए। वह अफसरों के साथ सेना के जवान को श्रद्धांजलि भी देने गया था। वहीं एक बड़े नेता अपनी बेटी से उससे शादी करवाने की तैयारी में थे। यहां तक कि वह कई कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुआ। उसका सम्मान भी किया गया।
उत्कर्ष के पास से यह निकला
दो प्रमोशन फर्जी, एक फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, दो फर्जी कॉल लेटर, फर्जी पे स्लिप, चार फर्जी आईडी कार्ड, विजिटिंग कार्ड, भारतीय वायुसेना की कैप, पांच अभ्यर्थियों के स्टांप, एक आधार कार्ड, पैन कार्ड।