डेंगू संक्रमण
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उत्तर प्रदेश के मथुरा में डेंगू बुखार के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शनिवार को बलदेव क्षेत्र में एक और रोगी मिलने से आंकड़ा 23 तक पहुंच गया है। देहात क्षेत्र में लगातार बढ़ते रोगियों से स्वास्थ्य महकमा भी चिंतित है। जहां रोगी मिल रहे हैं, वहां बचाव के लिए दवाओं का वितरण करने के साथ ही लार्वानाशी का छिड़काव किया जा रहा है, बावजूद इसके हर दिन नए रोगी मिल रहे हैं।
वहीं डॉक्टर रागियों को सचेत कर रहे हैं कि वे डेंगू की रैपिड जांच के सहारे न रहें बल्कि डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा (एंटीजन) जांच अवश्य कराएं। शनिवार को बल्देव क्षेत्र के गोपी की नगरिया में एक और डेंगू संक्रमित मरीज मिला है। अब तक मिले 23 रोगियों में सर्वाधिक देहात क्षेत्र से हैं, जबकि शहरी क्षेत्र के दो ही मरीज हैं। इनमें एक मथुरा और दूसरा वृंदावन क्षेत्र में मिला है।
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बुखार के मरीज भी करा रहे डेंगू की जांच
जिले में डेंगू रोगियों की बढती संख्या से न केवल स्वास्थ्य विभाग में हलचल मची है, बल्कि बुखार के मरीजों में डेंगू का खौफ है और वे जिला अस्पताल के साथ-साथ निजी लैब पर डेंगू की जांच करा रहे हैं। मलेरिया अधिकारी डॉ. आर.के सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में दिनभर में 300 एलाइजा जांच (एंटीजन जांच) की जा सकती है। एक बार में 100 सैंपल की जांच हो सकती है। एक बार की जांच में लगभग चार घंटे का समय लगता है।
निजी लैब वाले काट रहे जेब
मथुरा की एक निजी लैब में डेंगू की रैपिड और एलाइजां (एंटीजन) जांच की सुविधा है। रैपिड जांच का शुल्क 500 रुपए और एलाइजा जांच के 1100 रुपए लिए जा रहे हैं। निजी लैब पर डेंगू के शक में सामान्य रोगी जांच करवाने आ रहे हैं।
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सीएमओ डॉ. अजय कुमार वर्मा ने बताया कि बुखार के मरीज डेंगू की आशंका होने पर रैपिड किट से जांच कराने के बाद एलाइजा जांच जरूर करा लें। कई बार रेपिड जांच कराने के बाद एलाइजा जांच में नेगेटिव आ जाता है। एलाइजा जांच से ही डेंगू की पुष्टि होती है। उन्होंने बताया कि निजी लैब में शासन एवं स्थानीय स्तर से डेंगू जांच के लिए कोई शुल्क निर्धारित नहीं किया गया है।