कांग्रेस पार्टी
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लोकसभा चुनाव में सियासी परचम लहराने को बेताब कांग्रेस ने बूथवार तैयारी शुरू कर दी है। इस बार बूथ प्रबंधन को लेकर नई रणनीति तैयार की गई है। इसके तहत अलग- अलग विभागों को अलग- अलग क्षेत्र के बूथ का लक्ष्य दिया जाएगा। सियासी रणनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए 12 से 20 जुलाई के बीच प्रदेश कार्यालय में मंथन होगा।
लोकसभा चुनाव से पहले दलित और मुस्लिमों के बढ़ते रुझान ने कांग्रेस का उत्साह बढ़ा दिया है। यही वजह है कि पार्टी के नेता मुख्यालय पर बैठने के बजाय जिलों में पसीना बहा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने जिलेवार संविधान बचाओ संकल्प सभा शुरू कर दी है तो पिछड़ा वर्ग विभाग की ओर से मंडलवार जातीय जनगणना कराओ, पिछड़ा आरक्षण बचाओ सम्मेलन शुरू किया गया है।
अल्पसंख्यक विभाग, अनुसूचित जाति विभाग भी अलग- अलग कार्यक्रमों के जरिए मैदान में डटा है। इस बीच 12 से 20 जुलाई के बीच प्रदेश कार्यालय में मैराथन बैठकें होंगी। 12 को होने वाली पहली बैठक में सभी जिलाध्यक्ष, जिला महासचिव, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, विधानसभा क्षेत्र प्रत्याशियों को बुलाया गया है। इसके बाद यूथ कांग्रेस, सेवादल सहित अन्य विभागों की बैठक होगी।
इसमें सभी के सुझाव लिए जाएंगे और बूथवार जिम्मेदारी तय की जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने बताया कि यदि एक विधानसभा क्षेत्र में मुख्य कमेटी को 50 बूथ की जिम्मेदारी दी गई है तो यूथ कांग्रेस को दूसरे 50 बूथ सौंपे जाएंगे। इससे सभी विभाग संबंधित बूथ पर फोकस कर सकेंगे। प्रदेश मुख्यालय पर होने वाली बैठकों के बाद बूथ कमेटी गठित अभियान चलेगा। इसके बाद प्रदेश कार्यालय सीधे बूथ कमेटी से जुड़ जाएगा।