वंदे भारत
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170 साल पहले मुम्बई और ठाणे के बीच चली पहली ट्रेन को लेकर लोगों में जैसी खुशी, प्रफुल्लता, उत्साह रहा होग। कुछ वैसे ही दीवानगी शुक्रवार को गोरखपुर से लखनऊ बीच शुरू हुई वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर नजर आई। ट्रेन में बैठे यात्रियों से लेकर रुट के स्टेशनों पर ट्रेन को देखने वालों की आंखों की चमक, जोश और जज्बा देखने लायक था। बारिश के बीच स्टेशन पर लोग ट्रेन देखने के लिए डटे रहे। वहीं तेज रफ्तार ट्रेन को आंखों के सामने से गुजरते देखने के लिए भी लोग ट्रैक किनारे अड़े रहे। ऐसा हर्षोल्लास का माहौल देश की पहली कारपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस और काशी महाकाल एक्सप्रेस के शुभारंभ पर भी नहीं दिखा था। बारिश ने इन पलों को और भी यादगार बना दिया।
पूर्वोत्तर रेलवे की गोरखपुर से लखनऊ के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर हरी झंडी दिखाकर किया। इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे। शुक्रवार दोपहर से ही गोरखपुर स्टेशन के नजारे बदले हुए थे। प्लेटफॉर्म नंबर एक पर वंदे भारत एक्सप्रेस खड़ी थी। सिक्योरिटी मुस्तैदी से डटी थी। एक ओर लगे पंडाल में पीएम का इंतज़ार हो रहा था, दूसरी ओर वंदे भारत में सवार होने वालों की भीड़ थी।
दूर फुटओवर ब्रिज पर बैठे पैसेंजर ट्रेन की तस्वीरें उतार रहे थे। पौने पांच बजे जैसे ही पीएम ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, पंडाल तालियों से गड़गड़ाने लगा और ट्रेन के अंदर जयकारे लगने लगे। ट्रेन चलनी शुरू हुई और महज कुछ सेकंड में ही 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ ली। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रेन के फीचर्स जानने के लिए यात्रियों में खासा उत्साह रहा। 15 मिनट के अंदर दूसरा स्टेशन आ गया और यहां प्लेटफॉर्म पर दोनों ओर इस्तकबाल के लिए लोग उमड़ पड़े। यात्रियों को हाथ हिलाकर स्वागत किया। कमोबेश यह माहौल रुट के हर स्टेशन पर दिखा। न कहीं जोश में कमी आई और न यात्रियों के सेवा सत्कार में लगी ट्रेन होस्टेस के हौसलों में। हालांकि यह बात जरूर अखरी कि ट्रेन जिन स्टेशनों पर रुकती रही, लोग वहां से ट्रेन में चढ़ते रहे और पूरे रास्ते होहल्ला मचता रहा।