साज, गीत और संगीत के साथ कलाकारों की जुगलबंदी ने ऐसा समा बांधा कि वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का कोना-कोना सुरों के सप्तक से तरंगित हो उठा। श्रोता के रूप में जब प्रधानमंत्री मौजूद हों तो आयोजन खुद ब खुद विशिष्ट बन जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काशी की जनता भी मिले सुर मेरा तुम्हारा की धुन पर सम्मोहित नजर आई। काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के समापन समारोह में शनिवार शाम वाराणसी के सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कलाकारों की हर थाप पर तालियों की थाप से थाप मिलाते हुए कलाकारों की प्रस्तुतियों के सम्मोहन में बंधे नजर आए। कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति में नुक्कड़ नाटक के जरिए कलाकारों ने नारी सशक्तिकरण का संदेश दिया। इसके बाद दिव्यांग कलाकारों ने होली खेल रहे नंदलाल…की सुमधुर प्रस्तुति दी।
इसके बाद तबला, पखावज, सितार, शहनाई, सारंगी, नगाड़ा, बांसुरी के वाद्यवृंद की प्रस्तुतियां भी मनमोहक रहीं। सात से अधिक वाद्ययंत्रों की सामूहिक प्रस्तुतियों ने ईश्वर एक है का भाव पेश किया। इसके बाद कजरी, चैती, होरी और दादरा का गायन भी शानदार रहा।
बनारसी कजरी मिर्जापुर कइला गुलजार हो…की प्रस्तुति ने तो सभागार में मौजूद हर शख्स ताल से ताल मिला रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औऱ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।
देश भर के शास्त्रीय नृत्य की एक एक करके प्रस्तुतियां आरंभ हुईं तो दर्शकों को क्षण भर के लिए यह विश्वास ही नहीं हुआ कि महीने भर की तैयारी के बाद कलाकार ये प्रस्तुतियां दे रहे हैं। नृत्य के कोलॉज में भरतनाट्यम, ओडिसी, मणिपुरी, कथकली समेत लोकनृत्य भी पेश हुआ।
कार्यक्रम के अंत में संसद सांस्कृतिक महोत्सव में हिस्सा लेने वाले 124 कलाकारों ने मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा…की धुन पर गायन, वादन और नृत्य की सामूहिक प्रस्तुति से रुद्राक्ष के मंच पर संपूर्ण भारत की कला, संस्कृति और एकता के दर्शन कराए। इसके साथ ही एक भारत श्रेष्ठ भारत का संदेश भी दिया।