विकास की अधूरी खुशी: राप्ती रिवर फ्रंट का लाल पत्थरों से बनने थे घाट, योजना बनाकर भूल गए साहब

विकास की अधूरी खुशी: राप्ती रिवर फ्रंट का लाल पत्थरों से बनने थे घाट, योजना बनाकर भूल गए साहब



राप्ती नदी के किनारे राप्ती फ्रंट योजना का नहीं हो सका विस्तार।
– फोटो : अमर उजाला।

विस्तार


अयोध्या में सरयू रिवर फ्रंट की तर्ज पर राप्ती नदी के किनारे राप्ती रिवर फ्रंट बनाने की योजना करीब एक साल पहले तैयार की गई। श्रीराम घाट और श्रीगोरक्ष घाट के किनारे से होकर डोमिनगढ़ तक तीन किलोमीटर की लंबाई में लाल पत्थरों से घाट तैयार किया जाना था।

बोटिंग और फास्ट फूड कोर्ट भी बनना था ताकि पर्यटक आएं और लोगों को घूमने-फिरने लायक एक बेहतर जगह मिल सके। लेकिन अधिकारियों ने इसमें दिलचस्पी ही नहीं दिखाई। इसके चलते सरकार की महत्वाकांक्षी योजना फाइलों में ही कैद होकर रह गई है।

राप्ती नदी की सुंदरता को बढ़ाते हुए गुरु गोरक्षनाथ घाट और रामघाट बनाया गया है। इसके अलावा राप्ती के किनारे रिवर फ्रंट बनाने की तैयारी वर्ष 2022 में की गई। योजना के मुताबिक, गोरक्षनाथ घाट से लेकर तीन किलोमीटर की दूरी तक डोमिनगढ़ तक लाल पत्थरों से घाट बनाया जाना था। इसके बन जाने से जहां नदी के किनारे की खूबसूरती बढ़ जाती, वहीं सुबह और शाम योग के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते।

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