विश्व नदी दिवस: जीवनदायिनी नदियों को है खुद संजीवनी की तलाश, जल प्रदूषण-अतिक्रमण से प्रदूषित हो रहीं नदियां

विश्व नदी दिवस: जीवनदायिनी नदियों को है खुद संजीवनी की तलाश, जल प्रदूषण-अतिक्रमण से प्रदूषित हो रहीं नदियां



हरदुआगंज की काली नदी
– फोटो : संवाद

विस्तार


मानव सभ्यता के विकास एवं जल संरक्षण में नदियों का अहम योगदान होता है। इतिहास में जितनी भी सभ्यताओं का उल्लेख मिलता हैं, सभी का विकास नदियों के किनारे ही हुआ, लेकिन विकास की अंधी दौड़ में इन नदियों के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ हो रहा है। जिले में कई नदियां अपना अस्तित्व ही खो चुकी हैं। आदिकाल में जीवनदायिनी रही हमारी पवित्र नदियां आज दम तोड़ने की कगार पर हैं। जितनी नदियां अलीगढ़ जिले में हैं शायद ही उतनी किसी भी जिले में हों। अलीगढ़ जिले में सरकारी रिकॉर्ड में 10 नदियों का अस्तित्व है। कुछ का दायरा सिमट गया है, कुछ अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई हैं। कुछ विलुप्त हो चुकी हैं। ऐसे में इन नदियों को संजीवनी की तलाश है। 

अलीगढ़ जिले की नदियां 

1-गंगा नदी, 2- यमुना नदी,  3-करबन नदी, 4- सेंगर नदी,5- छोइया नदी, 6- नीम नदी, 7- रुतबा नदी, 8- सिरसा नदी, 9- काली नदी, 10- रद नदी

विश्व नदी दिवस का इतिहास 

विश्व नदी दिवस दिवस की शुरुआत वर्ष 2005 में नदियों की रक्षा के संकल्प को लेकर की गई थी। भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में विश्व नदी दिवस मनाया जाता है। अमेरिका, पोलैंड, दक्षिण अफ्रिका, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, बांग्लादेश, कनाडा और ब्रिटेन आदि देशों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन लोग संकल्प लेते हैं कि वे नदियों को प्रदूषित नहीं करेंगे और उन्हें बचाएंगे।

पर्यावरण बचाने को भगीरथी प्रयास जरूरी 

नदियों पर अतिक्रमण से पर्यावरण पर भी इसका खासा असर पड़ा है। फिलहाल, गंगा, यमुना, काली, नीम नदी वजूद में हैं, जबकि बाकी नदियां विलुप्त हो चुकी हैं। जिला प्रशासन ने इन नदियों को पुराने अस्तित्व में लाने के लिए कवायद शुरू की है, लेकिन योजना अभी तक परवान नहीं चढ़ सकी है। अगर यह कार्ययोजना सफल रही तो जिले के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए यह एक भगीरथ प्रयास होगा।



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *