यूएनजीए में एस जयशंकर
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UNGA में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “भारत विविध साझेदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है। गुटनिरपेक्षता के युग से, अब हम ‘विश्व मित्र- दुनिया के लिए एक मित्र’ के युग में विकसित हो गए हैं। यह विभिन्न देशों के साथ जुड़ने और जहां आवश्यक हो, हितों में सामंजस्य स्थापित करने की हमारी क्षमता और इच्छा में परिलक्षित होता है। यह QUAD के तीव्र विकास में दिखाई देता है; यह BRICS समूह के विस्तार या I2U2 के उद्भव में भी समान रूप से स्पष्ट है।”
UNGA में विदेश मंत्री में एस. जयशंकर ने कहा, “हमने 75 देशों के साथ विकासात्मक साझेदारी बनाई है। आपदा और आपातकालीन स्थिति में भी हम पहले उत्तरदाता बने हैं। तुर्की और सीरिया के लोगों ने यह देखा है।”
विदेश मंत्री में एस. जयशंकर ने कहा, “हमारा नवीनतम दावा विधायिकाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए अग्रणी कानून है। मैं एक ऐसे समाज के लिए बोलता हूं जहां लोकतंत्र की प्राचीन परंपराओं ने गहरी आधुनिक जड़ें हैं। परिणामस्वरूप, हमारी सोच, दृष्टिकोण और कार्य अधिक जमीनी और प्रामाणिक हैं।”
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस से मुलाकात की थी। जयशंकर बीते शुक्रवार से अमेरिका की अपनी नौ दिवसीय यात्रा पर हैं। यहां वे मुख्य रूप से न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के वार्षिक सत्र में भाग लेने और ग्लोबल साउथ पर एक विशेष कार्यक्रम की मेजबानी करने के लिए पहुंचे हैं।
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में फ्रांसिस से मुलाकात की और उन्हें भारत-संयुक्त राष्ट्र फॉर ग्लोबल साउथ: डिलीवरिंग फॉर डेवलपमेंट’ साइड इवेंट में उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया। इवेंट को जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के इतर शनिवार को न्यूयॉर्क में आयोजित किया था।
यूएनजीए अध्यक्ष फ्रांसिस से मुलाकात के बाद विदेश मंत्री जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मिले और वैश्विक संगठन में सतत विकास के एजेंडे को मजबूती देने और उसकी ओर से भारत की जी-20 अध्यक्षता के योगदान पर चर्चा की। जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की प्रतिबद्धता की सराहना भी की।