अखिलेश यादव इस बैठक की मेजबानी कर सकते हैं।
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समावेशी विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेता नवंबर-दिसंबर में यूपी में जुटेंगे। लोकसभा चुनाव घोषित होने के कुछ समय पहले सूफी-संतों और गंगा-जमुनी तहजीब की इस धरती से इंडिया के नेता अपना संदेश देंगे। बैठक के लिए शहर का चयन अभी फाइनल नहीं है, लेकिन मेजबानी की जिम्मेदारी समाजवादियों के कंधे पर तय मानी जा रही है।
जून में जेपी मूवमेंट के गढ़ रहे पटना में समावेशी गठबंधन नींव पड़ने के साथ ही निर्णय लिया गया था कि इसकी अधिकांश बैठकें दिल्ली से बाहर होंगी। जुलाई में बंगलुरु में बैठक का आयोजन हुआ और अब अगस्त में मुंबई में जुटना है। इसके लिए अगस्त के दूसरे या तीसरे सप्ताह की कोई तारीख घोषित हो सकती है।
इंडिया के रणनीतिकारों का मानना है कि प्रमुख घटक दलों को अपने-अपने प्रभाव वाले राज्यों में मेजबानी का मौका मिलना चाहिए, जिससे स्थानीय मीडिया के जरिये जनता में बेहतर संदेश जाएगा। हर राज्य के लोगों को यह महसूस कराना होगा कि भाजपा गठबंधन अपराजेय नहीं है। धर्मनिरपेक्ष ताकतों की एकजुटता इंडिया को सत्ता तक पहुंचा सकता है।
प्रयास है कि इंडिया की अगली बैठकें पश्चिमी बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में पूरी तैयारी के साथ की जाएं। समाजवादी सूत्रों की मानें तो यूपी में इंडिया की बैठक तब होगी, जब लोकसभा चुनाव घोषित होने के आसार दिखने लगेंगे।