ज्ञानवापी
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वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे जारी है। एएसआई की 64 सदस्यीय टीम के 34 लोग ज्ञानवापी में मौजूद हैं। करीब 15 दिन तक चलने वाले सर्वे से कई हकीकत सामने आ सकती है। पता चल सकता है कि शिवलिंग जैसी आकृति स्वयंभू है या कहीं और से लाकर उसकी प्राण प्रतिष्ठा की गई थी? विवादित स्थल की वास्तविकता क्या है? विवादित स्थल के नीचे जमीन में क्या सच दबा हुआ है? ज्ञानवापी में बने गुंबद कब बनाए गए? तीनों गुंबद कितने पुराने हैं?
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इन बिंदुओं पर देनी है सर्वे रिपोर्ट
– वैज्ञानिक जांच में देखा जाएगा कि क्या मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर की संरचना के ऊपर किया गया।
– पश्चिमी दीवार की उम्र और प्रकृति की जांच होगी।
– तीन गुंबदों के ठीक नीचे सर्वे।
– सभी तहखानों की जांच व उसकी सच्चाई।
– इमारत की दीवारों पर मौजूद कलाकृतियों की सूची बनेगी। कलाकृतियों की उम्र और प्रकृति का पता लगाया जाएगा।
– इमारत की उम्र, निर्माण की प्रकृति का पता भी लगाया जाएगा।
– इमारत के विभिन्न हिस्सों और संरचना के नीचे मौजूद ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व की कलाकृतियों और अन्य वस्तुओं की जांच की भी जांच होगी।