सर्व सेवा संघ भवन
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सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारत सर्व सेवा संघ की याचिका सोमवार को खारिज कर दी। अब रेलवे प्रशासन भवन ध्वस्तीकरण की तैयारी में जुट गया है। इसका नोटिस पहले ही जारी किया गया था।
जिलाधिकारी वाराणसी की कोर्ट ने सर्व सेवा संघ की जमीन का दावा खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जमीन रेलवे की है। इसी आधार पर रेलवे प्रशासन ने संघ भवन के ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद ही सर्व सेवा संघ ने याचिका दाखिल करके जिलाधिकारी कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संघ की याचिका खारिज की थी। अब सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला है। रेलवे प्रशासन के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। साफ किया था कि जमीन रेलवे की है। अब ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को आरपीएफ सहित अन्य टीमें लगाई गई थीं, लेकिन ऐन वक्त पर फैसला बदल दिया गया। यह जमीन काशी स्टेशन के विस्तार की जद में है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करेगा संघ
सर्व सेवा संघ के संयोजक रामधीरज के मुताबिक न्यायमूर्ति हरिकेश राय और पंकज मित्तल की खंडपीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने का सुझाव दिया। पीठ ने यह भी कहा कि रेलवे से सर्व सेवा संघ द्वारा भूमि खरीद करने के मामले में वाराणसी की निचली अदालत में विचाराधीन वाद पर इस आदेश का कोई प्रभाव नही होगा। जल्द ही निचली अदालत में नई अपील दाखिल करेंगे। साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक नई विशेष अनुमति याचिका दाखिल की जाएगी। इसमें हाईकोर्ट के 26 मई 2023 के आदेश को चुनौती दी जाएगी। इस बीच शांतिपूर्ण तरीके से सविनय अवज्ञा सत्याग्रह जारी रहेगा।