पथराव के बाद तहसील में बैठक करते पुलिस, प्रशासन व सत्संग सभा प्रतिनिधि
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ताजनगरी आगरा के दयालबाग में रविवार की शाम पुलिस-प्रशासन और सत्संगियों के बीच जमकर बवाल हुआ। इसके बाद रात 8 से 10 बजे तक दो घंटे सत्संगियों, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की सदर तहसील में बैठक हुई। इसमें अफसरों ने सत्संगियों से दो टूक कहा कि सार्वजनिक रास्तों पर अवैध कब्जे ध्वस्त होंगे। इसमें पुलिस व प्रशासन को कोई अड़चन नहीं आनी चाहिए।
एडीएम प्रशासन अजय कुमार श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट आनंद कुमार, जॉइंट मजिस्ट्रेट परीक्षित खटाना व एसीपी पुलिस और राधास्वामी सत्संग सभा प्रतिनिधियों की बैठक हुई। सत्संगियों ने कहा, जिस रास्ते पर गेट लगा है वह सत्संग सभा के नाम दर्ज है। तहसीलदार ने कहा, नाम दर्ज का आदेश त्रुटि सुधार के लिए हुआ था। राजस्व अभिलेख में सड़क दर्ज है। 1965 बंदोबस्त सजरा में सड़क दर्ज है। सड़क कभी किसी संस्था या व्यक्ति की नहीं होती।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश में प्रचलित रास्ते को बंद करने पर कार्रवाई का अधिकार तहसीलदार के पास है। दो घंटे तक बहस होती रही। प्रशासन ने रविवार को हुई घटना और सत्संगियों के रवैये पर नाराजगी व्यक्त की। अंत में एडीएम प्रशासन ने सत्संगियों से दो टूक कहा, रास्तों पर हुए अवैध कब्जे ध्वस्त होंगे। 24 घंटे बाद प्रशासन दोबारा कार्रवाई करेगा।
डीएम को भेजी रिपोर्ट
बैठक के बाद तहसील प्रशासन ने जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी को रिपोर्ट भेजी है। जिसमें सत्संग सभा के गेट व अन्य कब्जों को सरकारी भूमि पर दर्शाया है। सत्संगियों ने डीएम से शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया। बिना नोटिस कार्रवाई की गई। तहसील की तरफ से कहा गया कि 13 सितंबर को नोटिस भेजा था, 7 दिन का अल्टीमेटम था। कार्रवाई में सत्संगियों ने व्यवधान डाला।
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मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला
रविवार को कब्जे हटाने के दौरान पथराव व उपद्रव का मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है। सत्संगियों ने घायलों के वीडियो व फोटो भी सीएम को व्हाट्सएप पर भेजे हैं। उसके बाद रात में मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी और डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने बैठक की। एक रिपोर्ट भी प्रशासन की तरफ से शासन को भेजी गई है। उधर, दूसरी तरफ राधास्वामी सत्संग सभा से जुड़े एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने दयालबाग में डेरा डाल रखा है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सत्संग सभा के अनुयायी हैं।