मिठाई का सेंपल लेते अधिकारी(फाइल)
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तीन माह के दौरान मंडल में सबसे अधिक सात असुरक्षित खाद्य पदार्थ मुरादाबाद जिले में पाए गए हैं। दूसरे नंबर पर बिजनौर जिले में छह खाद्य पदार्थ के सैंपल मिले हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करने से जीवन को खतरा हो सकता है।
मंडल स्तर पर तीन माह के दौरान आई रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से लेकर जून तक 402 दुकानों से 555 सैंपल भरे गए। लैब से 626 सैंपलों की रिपोर्ट आने पर पता चला कि 311 खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की मात्रा आधी अधूरी है। 23 खाद्य पदार्थों पर लगाए गए लेबल पर लिखी गई बातें असत्य पाई गई हैं। 19 खाद्य पदार्थ जीवन के लिए असुरक्षित पाए गए हैं।
जिला प्राप्त रिपोर्ट अधूरे मानक, असुरक्षित झूठा लेबल
मुरादाबाद 218 102 7 4
अमरोहा 120 57 2 6
बिजनौर 102 54 6 6
रामपुर 72 38 3 4
संभल 114 60 1 3
दाल में नेरामिस येलो हानिकारक होता है। मसाले में पाए जाने वाला सूडान आंतों को नुकसान पहुंचाता है। हल्दी में पाया गया लेड क्रोम नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। इससे कैंसर भी हो सकता है। वहीं दूध के सैंपल में यूरिया, डिटर्जेंट जैसे तत्व पाए गए हैं। जले हुए तेल का समोसा, पूड़ी इत्यादि खाने से सीने में जलन, अपच, डकार की शिकायत हो सकती है। कई बार एक ही तेल प्रयोग करने से उसकी एसिड वैल्यू बढ़ जाती है। -राजवंश श्रीवास्तव, अपर आयुक्त ग्रेड-2, खाद्य सुरक्षा विभाग।
घर में मिलावट की ऐसे करें जांच
- दूध- कांच की पॉलिश पर सतह से तिरछा गिराने पर एक सफेद लकीर बनदी है तो दूध शुद्ध है। बिना लकीर छोड़े बहे तो मिलावट है।
- स्टार्च – दूध में स्टार्च की जांच के लिए आयोडीन का घोल डालने पर उसका रंग नीला पड़ जाता है।
- कृत्रिम दूध- स्वाद में कड़वा और उंगलियों के बीच मलने पर साबुन का आभास होता है। गर्म करने पर हल्का पीला रंग हो जाता है।
- मिर्च पाउडर – गिलास में पानी के साथ मिर्च का पाउडर घोलने पर लाल होने पर कृत्रिम रंग होता है तो मिलावट है।
- खोया, छेना, पनीर- नमूने की थोड़ी मात्रा में थोड़ा पानी डालकर उबालें, फिर ठंडा करें। इसमें कुछ आयोडीन की बूंदें डालें। यदि रंग नीला आए तो स्टार्च उपस्थित है।
- शहद – रूई में भिगोकर जलाने पर आसानी से जलती है तो शहद शुद्ध है।