गोरखपुर एम्स।
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वैसे तो एम्स में डॉक्टर बाहर से आए हैं, लेकिन उन्हें भी यहां के दलालों ने चंगुल में ले लिया है। जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में मरीजों को ठगने की दुकान चलाने वाले मरीज माफिया ने अब एम्स में भी पैठ बना ली है। गेट के इर्द-गिर्द घूमने वाले दलालों की पैठ इतनी जबरदस्त है कि नंबर लगाने से लेकर डॉक्टर के लिखे पर्चे की दवा दिलाने तक का ठेका ले लेते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि इस नेटवर्क में शामिल डॉक्टर बहुत सावधानी भी बरत रहे हैं, ताकि पकड़ में न आ सकें। ऑपरेशन के लिए सर्जिकल उपकरण खरीदवाने के लिए दलाल के नंबर लिखकर नहीं, बल्कि मौखिक बताते हैं।
मरीज अगर दलाल से फोन पर डॉक्टर का नाम ले लेता है तो फोन कट कर दिया जाता है और उधर से काॅल कर बाहर मिलने के लिए बुलाया जाता है। उपकरण सीधे ऑपरेशन थिएटर में पहुंचते हैं, कहां और किस दुकान से आया है, यह खरीदने वाले को भी पता नहीं होता है। रुपयों का भुगतान ऑपरेशन थिएटर में जाने के बाद करना होता है, उस समय आप मना भी नहीं कर सकते।
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