गोरखपुर एम्स।
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दवा, जांच, खून, मरीज, एंबुलेंस में ही नहीं, हर काम में माफिया का डॉक्टरों के साथ गठजोड़ है। एम्स में हड्डी रोग के मरीजों से ऑपरेशन के लिए इंप्लांट (उपकरण) की सप्लाई कर वसूली करने वाले दलालों की डॉक्टरों से सेटिंग थी। एम्स के आंतरिक जांच में इसकी पुष्टि हो गई है। यह भी सामने आया है कि दवाओं को जानबूझ कर ऐसा लिखा जाता है, जिससे मरीज को बाहर जाना पड़ता है। जबकि परिसर में ही अमृत फार्मेसी मौजूद है, जहां पर दवाएं सस्ती में मिल सकती हैं।
दलाल व डॉक्टरों की सेटिंग सामने आने के बाद अब एम्स प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। खबर है कि कुछ डॉक्टरों को नोटिस भी जारी किया गया है। वहीं नर्सिंग अधिकारी और ओटी प्रभारी को रोजाना होने वाले ऑपरेशन की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। बाहर से इंप्लांट खरीदने वाले लोगों के बिल का सत्यापन भी करना होगा।
एम्स प्रशासन ने परिसर में जनरिक दवाओं के लिए खोली गई अमृत फार्मेसी को ही इंप्लांट सप्लाई देने की अनुमति प्रदान करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए टेंडर किया जाएगा, जिसमें बाहर के फर्म भी आवेदन कर सकते हैं।
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फिलहाल, एम्स प्रशासन ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जिम्मेदारी तय कर रशीद सत्यापन का आदेश जारी कर दिया है। नई व्यवस्था के तहत ऑपरेशन से पहले इंप्लांट की सूची दी जाएगी, फिर इसकी खरीदारी की रसीद का सत्यापन होगा। टेंडर प्रक्रिया के दौरान इस बात का ध्यान दिया जाएगा कि सिर्फ उन्हीं संस्थाओं को अनुमति दी जाएगी, जो भारत में ही निर्मित हों। सिर्फ एक फर्म से खरीदारी नहीं होगी, यह चक्रवार तय किया जाएगा।