शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती
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गोवर्धनमठ पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि समलैंगिक विवाह मानवता के लिए कलंक है। पूरे विश्व में समलैंगिक विवाह अनिवार्य हो जाए तो वंश परंपरा का लोप हो जाएगा। कहा कि समलैंगिकता समाज के लिए बेहद घातक है। पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने ये बातें शुक्रवार को नई झूंसी स्थित शिवगंगा आश्रम में पत्रकारों से बातचीत में कहीं। पुरी शंकराचार्य शुक्रवार की सुबह नई झूंसी स्थित शिवगंगा आश्रम पहुंचे। यहां पर वह 27 जून तक प्रवास करेंगे। इस दौरान रोजाना सुबह और शाम धर्म-आध्यात्म पर संगोष्ठी का आयोजन होगा।
पुरी शंकराचार्य ने आगे कहा कि समलैंगिकता स्वैच्छचारिता की जनक है। इसे किसी भी सूरत में बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। केंद्र सरकार के नौ साल के कार्यकाल के सवाल पर पुरी शंकराचार्य ने कहा कि सीमा की सुरक्षा की दृष्टि से शासनकाल को उत्तम कह सकते हैं। व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री मोदी घर भरने वालों में से नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूटनीति के पांच प्रभेद नमन, मिलन, दमन, अंकन और अनुगमन की नीति पर चलते हैं। कूटनीति में प्रधानमंत्री माहिर हैं। इसलिए उनका नाम विश्व स्तर पर है। पर गोवंश की हत्या को रोकने में उनकी कोई अभिरुचि नहीं दिखाई देती है। हिंदुओं को धर्माचुत्य से बचाने में भी उनकी कोई अभिरुचि नहीं है। इसलिए दार्शनिक धरातल पर मैं उन्हें आदर्श प्रधानमंत्री नहीं मानता हूं। कहा कि वर्तमान शासनतंत्र और संविधान के द्वारा देश को उत्कृष्ट प्रधानमंत्री मिलना बहुत कठिन है।