स्वामी निश्चलानंद बोले : सेना का नेतृत्व क्षत्रियों के हाथों में होना चाहिए, लड़ाकू कौम भी सेना में हों शामिल

स्वामी निश्चलानंद बोले : सेना का नेतृत्व क्षत्रियों के हाथों में होना चाहिए, लड़ाकू कौम भी सेना में हों शामिल



स्वामी निश्चलानंद सरस्वती।
– फोटो : अमर उजाला।

विस्तार


पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि महाभारत में इस तथ्य को उद्भाषित किया गया है कि सेना का नेतृत्व क्षत्रियों के हाथों में होना चाहिए, लेकिन लड़ाकू कौम कोल आदि के लोग भी सेना में शामिल हों। पुरी शंकराचार्य ने ये बातें मंगलवार को अपने शिवगंगा आश्रम में पांच दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन भक्तों के प्रश्न के उत्तर में कहीं। बुधवार को पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद अपने शिष्यों के साथ छत्तीसगढ़ के लिए प्रस्थान करेंगे।

पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने आगे कहा कि भगवान राम और रावण के बीच जब युद्ध हुआ तो उस वक्त भी परंपरा प्राप्त खानदानी क्षत्रिय राम और लक्ष्मण ही थे। देवता हनुमान इत्यादि तो आए थे, लेकिन बाकी सब युद्ध में वैकल्पिक क्षत्रिय के रूप में ही थे। कहा कि स्वतंत्र भारत में यह भी घटना घट चुकी है कि जो लड़ाकू परंपरा के नहीं थे वो काम का बहाना लेकर सीमा से भाग गए थे।

कहा कि चीन के घुसपैठियों को भारत में पर्याप्त स्थान दिया गया। तब स्वतंत्र भारत में देश की सुरक्षा की दृष्टि से हालत बहुत दुर्बल था। पर इस वक्त प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री इन सब बातों को लेकर बहुत सावधान हैं। कहा कि आवश्यकता पड़ने पर वैश्य को अस्त्र-शस्त्र उठा लेना चाहिए। इसके लिए उन्हें भी प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। इसलिए मैं 30 वर्षों से कहता आ रहा हूं कि हर हिंदू सेना हो और हर हिंदू सनातनी हो।



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *