हरिशयनी एकादशी आज: अब पांच माह तक सोएंगे भगवान, नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य

हरिशयनी एकादशी आज: अब पांच माह तक सोएंगे भगवान, नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य



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– फोटो : iStock

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आषाढ़ मास की एकादशी बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी। इसे हरिशयनी एकादशी भी कहते हैं। पुराणों के मुताबिक, यह समय भगवान विष्णु का शयनकाल होता है, यानी इस दिन से श्री हरि भगवान विष्णु चार महीनों के लिए क्षीरसागर में योग निद्रा के लिए चले जाते हैं, इसीलिए इस दिन को हरिशयनी एकादशी कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य धीरेन्द्र पांडेय के मुताबिक, चूंकि इस बार अधिमास है इसलिए देवता पांच माह तक सोएंगे। 23 नवंबर को देवोत्थान एकादशी पर देवता जाएंगे।

ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल के मुताबिक, इन पांच महीनों में गृह प्रवेश, शादी, सगाई, जनेऊ आदि मांगलकि काम नहीं होंगे। इस बार एकादशी गुरुवार को है, दोनों ही दिन भगवान विष्णु को प्रिय है, इसलिए यह विशेष फलदायक होगी।

गुरुपूर्णिमा 3 को, सावन 4 से, अधिक मास 18 जुलाई से

ज्योतिषाचार्य धीरेन्द्र पांडेय के मुताबिक, एकादशी का मान तीन जुलाई को है। इसी दिन दान-पुण्य-व्रत का विधान किया जाता है। गुरु की पूजा का पर्व मनाया जाता है। अगले दिन चार जुलाई से सावन मास की शुरुआत हो रही है। अधिक मास के चलते इस वर्ष सावन के आठ सोमवार का सौभाग्य मिल रहा है।हिंदू कैलेंडर में हर तीन साल में एक बार एक अतिरिक्त माह आता है। इस साल अधिक मास 18 जुलाई से शुरू हो रहा है, जिसका 16 अगस्त को होगा।



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