इलाहाबाद हाईकोर्ट
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या पति के जीवित रहते पत्नी उसके नाम की संपत्ति का सौदा कर सकती है? हाईकोर्ट ने इस संबंध में प्रदेश और केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति महेंद्र चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम की खंडपीठ ने पूजा शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिका में कोर्ट के सामने दो विधिक सवाल खड़े किए हुए। पहला- पति के रहते पत्नी को पति के नाम की संपत्ति बेचने का अधिकार है? दूसरा- क्या कोर्ट उसके पति का उपचार कराने के लिए सरकार को निर्देश दे सकती है। याची पत्नी ने कोर्ट के समक्ष पति के नाम की संपत्ति बेचने और सरकार को उपचार कराने का निर्देश देने की मांग की है।
कहा गया है कि उसके पति को सिर में चोट है। वह गंभीर हैं। दोनों दिल्ली में रहते हैं और उसकी संपत्ति गौतमबुद्धनगर में है। पति को सिर में चोट लगने के बाद याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पति का उपचार कराने के लिए उसके नाम की संपत्ति को बेचने का अधिकार मांगा है। उसका कहना है कि उसके ससुर की मौत हो चुकी है और सास भी बुजुर्ग और अस्वस्थ हैं। उसके पास आर्थिक समस्या है। इसलिए वह गौतमबुद्धनगर की संपत्ति बेचकर उपचार कराना चाहती है।
याचिका में बाद में सुप्रीम कोर्ट को पक्षकार बनाया गया। कोर्ट ने नोटिस जारी की। केंद्र सरकार के अधिवक्ता पारस नाथ राय ने कोर्ट को बताया कि समाज न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने कहा है कि यह मामला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से जुड़ा है। लिहाजा, उसे नोटिस भेजी गई है। केस की सुनवाई अब पांच सितंबर को होगी।