बांकेबिहारी मंदिर
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मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद सहित पूरी भूमि का अधिग्रहण कर ट्रस्ट बनाकर हिंदुओं को पूजा का अधिकार देने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई चार सितंबर को होगी। कोर्ट ने राज्य सरकार से याचिका पर जानकारी मांगी है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है। याची सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता का कहना है कि एक समझौते के तहत कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन में से 11.37 एकड़ जन्मभूमि मंदिर तथा शेष 2.37 एकड़ भूमि शाही ईदगाह को सौंपा जाना गलत है। याचिका में एएसआई से साइंटिफिक सर्वे कराने की भी मांग की गई है। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने राज्य सरकार का पक्ष रखा। जनहित याचिका में शाही ईदगाह परिसर को हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग की गई है।
याची का कहना है कि जहां शाही ईदगाह है वहीं कंस का कारागार था। जिसमें भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। मंदिर को तोड़कर वहां शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया गया है। जिस जगह अभी मस्जिद है वहां द्वापर युग में कंस ने भगवान श्री कृष्ण के माता पिता को जेल में कैद कर रखा था।