27 साल बाद आया ऐतिहासिक दिन: महिला आरक्षण विधेयक को संसद की मंजूरी; लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित

27 साल बाद आया ऐतिहासिक दिन: महिला आरक्षण विधेयक को संसद की मंजूरी; लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित



women reservation bill
– फोटो : Amar Ujala

विस्तार


लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के प्रावधान वाला 128वां संविधान संशोधन विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में पास हो गया। दिनभर की लंबी चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। बिल के पक्ष में 215 वोट पड़े, जबकि किसी ने भी बिल के खिलाफ वोट नहीं डाला।

इसी के साथ संसद और विधानसभाओं में महिला सशक्तिकरण की राह में बीते 27 साल से पड़ा सूखा खत्म हो गया और नए संसद भवन ने पहले ही सत्र में नारी शक्ति का वंदन करने का नया इतिहास रच दिया। इससे पहले विधेयक को बुधवार को लोकसभा से मंजूरी मिल गई थी। लोकसभा ने भी इस बिल को दो तिहाई बहुमत के साथ पास किया था। इसके पक्ष में 454 और विरोध में दो वोट पड़े थे।

करीब आठ घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ बिल

सरकार की ओर से भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने कांग्रेस पर इस विधेयक को जानबूझ कर लटकाने का आरोप लगाया। खरगे ने इसे भाजपा और मोदी सरकार का चुनावी शिगूफा बताया। उन्होंने पूछा कि आखिर इसे विधेयक को आगामी लोकसभा चुनाव में लागू क्यों नहीं किया जा रहा है? करीब आठ घंटे की चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भाजपा देश की इकलौती पार्टी है जिसने महिला सशक्तिकरण के मामले में अपने रुख में परिवर्तन नहीं किया। इंडिया गठबंधन के अलावा बसपा ने भी विधेयक के संदर्भ में कई सवाल उठाए।










Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *