दो मासूम की मौत: काश ! उमेश के परिवार को आवास मिल जाता तो इन बच्चों की न जाती जान; मलबे में दब गईं चीखें

दो मासूम की मौत: काश ! उमेश के परिवार को आवास मिल जाता तो इन बच्चों की न जाती जान; मलबे में दब गईं चीखें



चार साल से आवास के लिए भटक रहा था गरीब परिवार
– फोटो : अमर उजाला

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बरेली के फरीदपुर क्षेत्र में सिस्टम की लेटलतीफी और गरीबी एक परिवार के दो बच्चों के लिए काल बन गई। खल्लपुर गांव में उमेश कुमार की झोपड़ी के ऊपर पड़ोसी के मकान की दीवार गिर गई, जिससे उमेश के पुत्र विवेक (5) और पुत्री प्रियल (2) की मौत हो गई। उमेश, उसकी पत्नी सुमन और सात वर्षीय बेटा गौरव घायल हो गए। तीनों का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है। 

मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करने वाले उमेश के सिर पर छत नहीं थी। पक्का मकान बनवाने में असमर्थ होने की वजह से वह झोपड़ी डालकर परिवार के साथ रह रहा था। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले मकान के लिए पिछले चार साल से वह प्रयास कर रहा था। अब तक उसे योजना का लाभ नहीं मिला। 

रविवार देर रात पड़ोसी के मकान की दीवार झोपड़ी पर गिरने की वजह से उसके दो बच्चों की मौत हो गई। हादसे के बाद गांव में कई लोग चर्चा करते दिखे कि अगर उमेश को आवास योजना का लाभ मिला होता तो शायद दो बच्चों की जान नहीं जाती। 

गांव वालों ने बताया कि उमेश ने आवास दिलाने के लिए कई बार ग्राम प्रधान और सचिव के साथ अन्य अधिकारियों के भी चक्कर लगाए। संपूर्ण समाधान दिवस में भी शिकायत दर्ज कराई। कहा कि गांव में उसकी पुश्तैनी जगह पर झोंपड़ी पड़ी हुई है। छोटी से झोपड़ी में ही पांच लोगों का परिवार रहता है।



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