गिरफ्तार।
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अलीगढ़ में खैर इलाके के शिवाला चौकी क्षेत्र के गांव में रविवार देर शाम अनुसूचित जाति परिवार की आठ वर्षीय बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या का 36 घंटे में पुलिस ने खुलासा कर दिया। इस वारदात को किसी और नहीं, बल्कि रील बनाने वाले युवक व घेर स्वामी के नाबालिग पुत्र ने अंजाम दिया। तीसरे नाबालिग ने रात में अपने मां-बाप के सामने दोनों की पोल खोली। इसके बाद मंगलवार सुबह गांव के स्वर्णकार की दुकान पर लगे सीसीटीवी ने उस पोल का सच उजागर कर दिया। इसके बाद दोनों टूट गए और सच-सच बता दिया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को जेल भेजा जाएगा। बता दें कि सोमवार सुबह बच्ची की लाश मिलने के बाद से एसपी देहात खैर में ही कैंप किए हैं और खुद खुलासा टीम का नेतृत्व कर रहे हैं।
बताया गया है कि गैर प्रांत में नौकरी करने वाले ग्रामीण की आठ वर्षीय बालिका रविवार की देर शाम घर के बाहर खेलते समय लापता हो गई थी। इसके बाद अगली सुबह उसकी लाश घर से दो सौ मीटर दूर पड़ोसी के घेर में भूसे के ढेर में दबी मिली थी। जिसके पोस्टमार्टम में दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या होना उजागर हुआ। इस सनसनीखेज वारदात के खुलासे के लिए एसएसपी ने एसपी देहात पलाश बंसल के नेतृत्व में सीओ खैर राजीव द्विवेदी सहित पूरी टीम को लगाया था। सोमवार सुबह से ही काम में जुटी पुलिस ने दोपहर होते होते काफी कुछ तथ्य जुटा लिए थे। जिसके आधार पर देर शाम बच्ची के अंतिम संस्कार के बाद गांव के एक रील बनाने वाले युवक व घेर स्वामी के बेटे सहित दो नाबालिग को हिरासत में लिए। देर रात इनमें से एक नाबालिग ने यह कह दिया था कि वह अपने मां-बाप के सामने सब कुछ बताएगा। उसी पर काम करते हुए पुलिस ने मंगलवार शाम तक यानि घटना के 36 घंटे के अंतराल में घटना से राजफाश कर दिया।
मां-बाप के सामने आने पर ही किशोर ने बोला सच
एसपी देहात पलाश बंसल बताते हैं कि जब उन्होंने जांच शुरू की तो गांव के ही बच्ची की जाति से जुड़े उसी मोहल्ले के अजय नाम के युवक पर इस बात पर संदेह गया कि वह रील बनाता है। बच्ची के गायब होने के समय के आसपास उसी घेर में था। उसके साथ घेर स्वामी का 17 वर्ष का बेटा व एक अन्य 15 वर्षय नाबालिग और था। घेर स्वामी के बेटे पर घेर की चाभी थी। इस पर अंतिम संस्कार के बाद तीनों को पूछताछ के लिए थाने लाया गया। पहले तो वे देर रात तक पुलिस को बरगलाते रहे। फिर तीसरे नाबालिग ने अपने मां-बाप के सामने लाने पर सच बताने की बात कही। इस पर रात में उसके माता पिता को बुलाया गया। उसने स्वीकारा कि हम तीनों शाम से ही साथ खेल रहे थे।
अजय ने रील बनाने में हमें शामिल करने की बात कही थी। इसी बीच ये दोनों इस बच्ची को रील बनाने के बहाने बुलाकर लाए। फिर इन्होंने मुझे घेर के अंदर नहीं आने दिया। बार-बार बहाने से बाहर ही रोके रखा। काफी देर बाद ये बाहर आए तो इन्होंने बाहर आकर हाथ मुंह धोये और चले गए। उसके बाद बच्ची नहीं देखी। बालक के इस बयान पर अजय व घेर स्वामी के बेटे पर शक गहरा गया। इसके बाद उनसे अलग अलग पूछताछ हुई तो वे पहले तो टूटे नहीं। मगर सुबह पुलिस ने गांव के स्वर्णकार के सीसीटीवी देखे तो पूरा भेद खुल गया।