अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान बवाल
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राज्य सरकार ने अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए बवाल और मामले में नामजद 81 आरोपियों का मुकदमा वापस लेने का फैसला किया है। इसकी जानकारी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) विनय कुमार की तरफ से विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) की अदालत में दी और मुकदमा वापस लेने की अनुमति मांगी है। दूसरी तरफ, इसी मुकदमे के एक अन्य आरोपी कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय को राहत नहीं मिल सकेगी। सरकार ने अजय राय के आपराधिक इतिहास का हवाला दिया औ मुकदमा वापस न लेने का फैसला किया। इस मामले में 82 आरोपी बनाए गए थे।
गंगा में गणेश प्रतिमा विसर्जन की मांग पर अड़े स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद समेत अन्य लोगों पर वर्ष 2015 में लाठीचार्ज किया गया था। इसके विरोध में पांच अक्तूबर 2015 को मैदागिन स्थित टाउनहाॅल मैदान से अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली गई थी। इसमें साधु-संतों ने हिस्सा लिया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के आगे भी एक जत्था चल रहा था। शाम करीब साढ़े चार बजे के आसपास गोदौलिया चौराहे पर खड़ा एक सांड भड़क गया और गिरजाघर चौराहे की ओर भागा। इससे भगदड़ मच गई। अन्याय प्रतिकार यात्रा के साथ चौक से गोदौलिया की तरफ जा रहे लोग भी भागने लगे। उन्हें लगा कि पुलिस ने यात्रा रोकी और लाठीचार्ज किया है। इसी बीच मौका पाकर उपद्रवियों ने पहले पुलिस बूथ, फिर एक सरकारी जीप में आग लगा दी। बूथ में लगी आग इतनी भयावह थी कि उसकी लपटों ने ठीक पीछे तांगा स्टैंड को भी अपनी चपेट में ले लिया।
पांच थाना क्षेत्रों में लगा था कर्फ्यू
एक मजिस्ट्रेट की जीप, फायर ब्रिगेड की गाड़ी व पुलिस की वैन, लगभग दो दर्जन बाइक आग के हवाले कर दी गई। गोदौलिया तांगा स्टैंड पर कहीं से दो पेट्रोल बम भी फेंके गए। इसकेे बाद पुलिस ने पहले लाठियां पटकीं, फिर आंसू गैस के गोले और रबड़ बुलेट का इस्तेमाल किया। हवाई फायरिंग भी हुई। पुलिस ने उपद्रव प्रभावित इलाकों को जाने वाले रास्तों को सील कर दिया। कोतवाली, चौक, दशाश्वमेध, लक्सा और चेतगंज थाना क्षेत्रों में करीब ढाई घंटे का कर्फ्यू लगा दिया गया था।